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प्रशांत किशोर तोड़ सकते हैं 2 दिन में अनशन, हाईकोर्ट में बीपीएससी पर कल है सुनवाई

जन सुराज पार्टी के संस्थापक नेता प्रशांत किशोर 13 दिन से चल रहे अनशन को अगले दो दिन में तोड़ सकते हैं। जन सुराज सूत्रों के मुताबिक प्रशांत बुधवार को पटना में गंगा किनारे मरीन ड्राइव के पास बने नए अनशन स्थल पर भी जा सकते हैं। याद दिला दें कि पटना हाईकोर्ट में बुधवार को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा दोबारा कराने की मांग के साथ दायर याचिका पर पहली सुनवाई होने जा रही है। सोमवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने 12 परीक्षार्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी और आश्वासन दिया था कि वो संवैधानिक दायरे में रहकर जो भी बनेगा, वो करेंगे। आरिफ ने प्रशांत किशोर से अनशन खत्म करने की अपील की थी।बीपीएससी की 13 दिसंबर को संपन्न 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे परीक्षार्थी पूरी परीक्षा दोबारा लेने की मांग कर रहे हैं। पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दे चुके परीक्षार्थियों की आयोग ने 4 जनवरी को 22 केंद्रों पर दोबारा परीक्षा ली थी। इसको लेकर पटना में परीक्षार्थियों का आंदोलन एक महीने से चल रहा है। इस दौरान कई बार पुलिस ने उन पर ऐक्शन भी लिया है। आंदोलन को लेकर सरकार का रवैया ये है कि आयोग एक स्वतंत्र निकाय है और इस मसले पर जो भी फैसला लेना है, आयोग को लेना है। राजद आंदोलन को नैतिक समर्थन दे रहा है। पप्पू यादव इस मसले पर दो बार बिहार बंद बुला चुके हैं।प्रशांत किशोर पर बीपीएससी आंदोलन के दौरान अब तक तीन मुकदमे दर्ज हो चुके हैं और उनमें से एक केस में उन्हें 6 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था। जमानती धाराओं में दर्ज मुकदमें में हुई इस गिरफ्तारी के बाद हाई वोल्टेज ड्रामा चला था और कोर्ट के आदेश पर शाम में थाने से बेल मिला था। प्रशांत किशोर जमानत पर छूटने के बाद भी अनशन पर डटे रहे जिसकी वजह से उन्हें कुछ दिन अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ा।इस बीच बीपीएससी ने परीक्षार्थियों के आंदोलन के दौरान परीक्षा में गड़बड़ी और करोड़ों रुपये के खेल के आरोपों को लेकर प्रशांत किशोर समेत कोचिंग संचालक खान सर, रहमान सर जैसे कई लोगों को नोटिस जारी किया है। आयोग ने इन सबसे अपने आरोपों के समर्थन में सबूत पेश करने या फिर सार्वजनिक रूप से आयोग से माफी मांगने कहा है।

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