बिहार में नए साल में अब पुलिस को पहले से अधिक सुविधा हासिल होगी। अब किसी केस की जांच कर रहे आइओ खुद से लैपटॉप और स्मार्ट फोन खरीदेंगे। इसको लेकर आदेश जारी कर दिया गया है। इसके पीछे की वजह समय से सभी सुविधाओं के साथ केस का अनुसंधान करना बताया जा रहा है। इसके साथ जांच में भी काफी सहूलियत होगी।
दरअसल, नए आपराधिक कानून में कांडों के अनुसंधान को लेकर तय किए गए दिशा-निर्देशों के बाद अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारियों के पास लैपटॉप और स्मार्ट फोन होना अनिवार्य हो गया है। यह कानून में किए गए प्रवाधानों के लिए न सिर्फ जरूरी है बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से जांच की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। इसी के तहत राज्य के सभी थानों में तैनात अनुसंधान विंग के पुलिस अधिकारियों को लैपटॉप और स्मार्ट फोन दिये जाने हैं।
ऐसे में अब सरकार के फैसले के बाद पुलिस मुख्यालय ने तय किया है कि अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारियों को खुद लैपटॉप और स्मार्ट फोन खरीदना होगा। हालांकि, खरीदारी का बिल जमा करने के बाद उन्हें लैपटॉप और स्मार्ट फोन का पैसा मिलेगा। लैपटॉप की खरीद के लिए 60 हजार और स्मार्ट फोन के लिए 20 हजार तक की राशि का भुगतान होगा। गृह विभाग की मंजूरी के बाद पुलिस मुख्यालय ने इस बाबत आदेश जारी किया है।
इसको लेकर बताया गया है कि लैपटॉप सातवीं पीढ़ी का और इंटल कोर आई 5- 7400 प्रोसेसर का कम से कम होना चाहिए। इसका रैम 4 जीबी (इक्सपेंडेबल 16 जीबी) और डिस्पले 14 इंच का हो। वहीं स्मार्ट फोन का रैम 8 जीबी और स्टोरेज 128 जीबी, डिसप्ले 6.67 इंच, दो कैमरे और 4000 एमएएच की बैट्री से कम की नहीं होना चाहिए। इसके लिए अधिकतम 20 हजार की राशि तय की गई है।
इधर, जिलों के एसएसपी और एसपी को भेजे गए दिशा निर्देश के मुताबिक अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी जांच के लिए लैपटॉप और स्मार्ट फोन खरीदेंगे। किस तरह का लैपटॉप और स्मार्ट फोन खरीदना है यह भी तय कर दिया गया है। पुलिस मुख्यालय द्वारा लैपटॉप के लिए अधिकतम 60 हजार रुपए दिए जाएंगे।
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