बीपीएससी अभ्यर्थियों के रविवार के आंदोलन में क्या कुछ हुआ, उसको लेकर जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की सफाई आ गई है. प्रशांत किशोर का कहना है कि बात हुई थी कि गर्दनीबाग में जगह कम है, लिहाजा गांधी मैदान में बैठक होंगी. जगह न देने की बात गलत है. गांधी मैदान बातचीत करने मिलने और जुलने के लिए ही है. कोई धरना प्रदर्शन तो था नहीं. चलने से पहले पैदल चलने और शांतिपूर्ण मार्च का निर्णय हुआ. तय हुआ कि जब रोकेंगे तो वही शांति से बैठ जाएंगे. जब रोका गया और पहला प्रस्ताव यह आया कि बीपीएससी के चेयरमैन छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने को तैयार हैं तो इसे खारिज कर दिया गया. फिर बात हुई कि राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा मिलने को तैयार हैं. फिर तय हुआ कि प्रतिनिधिमंडल मिलेगा. मनोनुकूल होगा तो बात खत्म नहीं तो प्रदर्शन आगे चलता रहेगा. 45 मिनट तक बैठे रहे आधे से ज्यादा लोग चले गए. कुछ लोग जो बचे, उनमें मतभेद था. सूचना मिली कि पुलिस ने बर्बरतापूर्ण तरीके से लाठीचार्ज कर दिया और फव्वारा भी छोड़ा. यह सरासर गलत है. जिन्होंने छात्रों पर ला’ठी चलाया उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा. पटना के कुछ नए अफसर को हीरो बनने का शौक चढ़ा है.
प्रशांत किशोर ने कहा, जिन्होंने लाठी चलाया और चलवाया है उन पर एफआईआर कराया जाएगा. मानवाधिकार आयोग में भी मामला ले जाया जाएगा. इस दौरान उन्होंने पांच मांगें भी रखीं. इनमें प्रमुख मांग हैं:
1. सबसे पहले बीपीएससी रि एग्जाम करवाए
2. परीक्षा में गड़बड़ी की उच्च स्तरीय जांच हो.
3. मृतक छात्र के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए.
4. छात्रों के खिलाफ दर्ज किए गए आपराधिक मुकदमे वापस लिए जाएं.
5. जिन पदाधिकारियों ने लाठीचार्ज किया है, उनपर कार्रवाई हो.
प्रशांत किशोर ने कहा कि दो जनवरी तक मामला नहीं निपटा तो अभ्यर्थियों के समर्थन में धरना पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे पास कोई साक्ष्य नहीं है लेकिन बीपीएससी ने पहले ही आधी सीटें बेच दी हैं, जिसकी वजह से ये रि एग्जाम नहीं करवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीपीएससी को कैसे कैसे लोग चला रहे हैं, उनका चरित्र कैसा है, यह सब जानते हैं.
पटना एसपी को धमकी भरे लहजे में प्रशांत किशोर ने कहा, वे अपनी ड्यूटी करें. हीरो बनने की कोशिश न करें. ये न भूलें कि नीतीश कुमार एक साल से ज्यादा सीएम नहीं रहेंगे. आगे सरकार बदलेगी तो उन्हें दिक्कत हो जाएगी. उन्होंने कहा कि वर्दी वाले और किसी धोती कुर्ता वाले से मैं नहीं डरता.
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