बिहार के पश्चिम चंपारण में 16 साल से बिछड़ा बेटा माता पिता से फेसबुक की मदद से मिल पाया। पिपरासी प्रखंड के पिपरासी पंचायत के परसौनी गांव का मामला है। बुधवार को देर शाम 16 वर्ष बाद गांव पहुंचे युवक को देख उसके माता पिता के आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे। वहीं युवक को देखने के लिए पंचायत के मुखिया राजकुमार सहनी, बीडीसी नीरज शर्मा समेत ग्रामीणों की भी़ड़ जुट गई। साल 2008 में लड़का गुम हो गया था।इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए जनप्रतिनिधियों ने बताया कि युवक मनीष गिरी आठ वर्ष के उम्र में 2008 में घर से नाराज होकर भाग गया था। उसके भाग जाने के बाद उसकी माता नीतू देवी और पिता उमेश गिरी ने काफी खोजबीन किया लेकिन वह नहीं मिला। हार थक कर परिजनों को यह लगा कि शायद उसकी मृत्यु कही हो गई हो। वहीं युवक ने बताया कि घर से नाराज हो कर वह ट्रेन से किसी तरह बैंगलौर चला गया। वहां पर वह इधर उधर घूमते हुए किसी तरह पेट भरता था। वह बाद में बिल्डिंग करने वालों के साथ लेबर का काम करते करते बिल्डिंग का मिस्त्री हो गया। उसे केवल अपने पंचायत और पिता का नाम याद था, लेकिन वह कैसे घर जाए, किस जिला में है यह सब मालूम नहीं था।लगभग एक माह पूर्व उसने अपने फेसबुक के माध्यम से अपने पंचायत के मुखिया और बीडीसी को देखा। इससे वह सर्च किया तो अंदेशा हुआ कि शायद यही मेरे गांव के हो सकते है। इस पर उसने फेसबुक के माध्यम से अपने यहां के जनप्रतिनिधियों का नंबर लेकर अपने पिता के बारे में जानकारी लिया। जब उसे पता लगा कि उसके माता पिता जिंदा है तो वह घर आने के लिए सोचने लगा। जनप्रतिनिधियों के नंबर से पता लेकर वह घर पहुंचा।
जब बेटा घर पहुंचा तो उसे जिंदा देख कर घर वालों के आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे। वहीं युवक की मां ने बताया कि उसे हमेशा लगता था कि उसका पुत्र कही न कही जिंदा है। ग्रामीणों ने कहा कि सोशल मीडिया ने बिछड़े परिवार को एक साथ मिला दिया।
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