कहा जाता है कि प्रतिभा की कोई आयु सीमा नहीं होती और यूपी के सहारनपुर जिले के देवांश सिंह गुर्जर ने ये साबित भी कर दिखाया है. 11 वर्षीय देवांश सिंह गुर्जर मैथमेटिक्स में बड़ो-बड़ो पीछे छोड़ रहे हैं. देवांश को करोड़ों में पहाड़े याद हैं और वह उनको फटाफट सुना भी देता है. देवांश सिंह गुर्जर का दिमाग कंप्यूटर और कैलकुलेटर से भी तेज दौड़ता है. वह सेकंड में करोड़ों का गुणा-भाग बिना कॉपी पेन के आसानी से बता देता है.
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देवांश सिंह गुर्जर सहारनपुर की देहात विधानसभा के गांव सहजवा के रहने वाला है. देवांश का जन्म 12 मार्च 2013 में हुआ था. देवांश के पिता गजराज सिंह आइटीबीपी में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं, जबकि मां ग्रहणी है. देवांश को बचपन से ही मैथमेटिक्स काफी पसंद थी. कक्षा 1 में जब उसने टीचर के सामने गुणा-भाग को आसानी से सॉल्व किया तो सब देखकर हैरान रह गए. देवांश सिंह गुर्जर नेशनल और इंटरनेशनल स्तर के विभिन्न अवार्ड अपने नाम कर चुका है. देवांश सिंह गुर्जर की इस प्रतिभा से उसके माता-पिता और शिक्षक खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.
माता-पिता का सपना देवांश देश का नाम करे रोशन
देवांश सिंह गुर्जर की मां पूजा ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि वह अपने बेटे देवांश को बेस्ट बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे कि उनका बेटा आगे बढ़कर अपने देश का नाम रोशन कर सके. देवांश की देखरेख और उसकी पढ़ाई का ध्यान उसकी मां ही रखती है. क्योंकि देवांश के पिता गजराज सिंह फौज में हैं. देवांश दिन में 4-5 घंटे ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं. जबकि चंडीगढ़ के एयर फोर्स के स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहा है. देवांश की शिक्षा की शुरुआत मध्य प्रदेश से हुई थी. इतनी कम उम्र में देवांश को इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड अवार्ड भी मिल चुका है. जब भी देवांश को कहीं पर भी सम्मानित किया जाता है, तो उनके परिवार को बड़ा ही प्राउड फील होता है.
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