पटना : बिहार विधानसभा में गुरूवार को जबरदस्त हंगामा हुआ था. आऱजेडी और कांग्रेस के विधायकों ने जमकर हंगामा किया था. वे विधानसभा अध्यक्ष से ये पूछ रहे थे कि विपक्षी पार्टियों के विधायक किस नियम के तहत सत्तारूढ़ विधायकों के साथ बैठ रहे हैं. जबकि सदन के अंदर सभी विधायकों के लिए सीट निर्धारित होता है और उन्हें वहीं बैठना होता है. फिर आरजेडी और कांग्रेस के 5 विधायक किसकी अनुमति से सत्तापक्ष के विधायकों के साथ बैठ रहे हैं. विपक्ष के हंगामे का असर आज दिख गया।
आज जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो आरजेडी विधायक चेतन आनंद अपनी सही जगह पर बैठे पाये गये. दरअसल चेतन आनंद आरजेडी के विधायक हैं. लेकिन इसी साल जब नीतीश कुमार पाला बदल कर बीजेपी के साथ चले गये तो चेतन आनंद समेत आरजेडी और कांग्रेस के पांच विधायकों ने पाला बदल लिया था. सदन के अंदर उनके लिए विपक्षी बेंच में सीच निर्धारित था. लेकिन सरकार के कैंप में आने वाले विपक्षी विधायक सत्तारूढ विधायकों के साथ बैठने लगे थे. गुरूवार को इसी बात पर बवाल हुआ था।
सदन में आज प्रश्नकाल के दौरान चेतन आनंद का सवाल आया. विधानसभा अध्यक्ष ने जब उनका नाम पुकारा तो दूसरे विधायकों की नजरें चेतन आनंद की ओर गयीं. वे आरजेडी विधायकों के साथ अपनी आवंटित सीट पर बैठे थे. चेतन आनंद का सवाल शिवहर जिला मुख्यालय में आठ करोड़ रुपए की लागत से बने अस्पताल भवन से संबंधित था. उन्होंने सरकार से कहा कि अस्पताल में एनेस्थेसिया के चिकित्सक नहीं रहने से आईसीयू चालू नहीं है. इसी तरह मेडेसिन चिकित्सक एवं स्टाफ की कमी के कारण लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है।
बता दें, कि बिहार विधानसभा में गुरूवार को विपक्ष के बागी विधायकों को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ था. हंगामे के बीच आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सीट तक पहुंच गये थे. उनका कहना था कि जब विधायकों के लिए तय सीट पर बैठने के नियम का पालन नहीं हो रहा है तो वे भी किसी भी सीट पर बैठ सकते हैं. विपी विधायकों के हंगामे के कारण गुरूवार को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी. हालांकि आरजेडी-कांग्रेस का साथ छोड़ कर सत्तारूढ गठबंधन के साथ जाने वाले कुल पांच विधायक हैं. इनमें संगीता कुमारी, प्रहलाद यादव, मुरारी प्रसाद गौतम जैसे विधायक शामिल हैं।
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