LUCKNOW : अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को फोन किया था। तब केशव प्रसाद मौर्य कोरो’ना से संक्र’मित होने की वजह से क्वारंटाइन में थे और सर’सरी तौर पर यही लगा कि प्रधानमंत्री ने उनका हाल-चाल जानने के लिए फोन किया होगा। लेकिन यूपी के राजनी’तिक हाला’त पर नजर रखने वाले इस तर्क को बेमा’नी मानते हैं। वे बड़ा ही मौजूं स’वाल करते हैं कि अगर ऐसा ही था तो मोदी ने संक्रमित होने वाले यूपी के अन्य मंत्रियों को फोन क्यों नहीं किया? वाकई, इसमें दम है, क्योंकि यूपी के दो मंत्रियों की को’विड से मौ’त हो चुकी है, लेकिन पीएम का फोन उनके परिवार वालों को नहीं गया।
फिर मा’जरा क्या था? साफ है, यह एक विशुद्ध सि’यासी कदम था और उद्देश्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उर्फ अजय सिंह बिष्ट को संदेश देना था। कभी मुख्यमंत्री पद के दावेदार रह चुके मौर्य ने भी इस बात को जगजा’हिर करने में जरा भी देर नहीं लगाई कि प्रधानमंत्री ने उन्हें फोन किया। उन्होंने फौरन ही ट्वीट कियाः “इतने व्यस्त होने के बाद भी आदरणीय प्रधानमंत्री ने आज फोन कर मेरा हाल-चाल जाना और स्वा’स्थ्य की दृष्टि से जरूरी सला’ह दी। मुझे हमारे सर्वोच्च नेता पर अभिमा’न है। जब उन्होंने मेरा हा’ल पूछा तो मेरे शरीर में ऊ’र्जा की नई लह’र दौड़ गई।”
बहरहाल, इस संदर्भ में कुई जानकारों का तो स्प’ष्ट मानना है कि मुख्यमंत्री के रूप में योगी के दिन अब गिनती के रह गए हैं। हालांकि, कुछ लोग सह’मत नहीं हैं। उनका मानना है कि बेशक एक के बाद एक तमाम मीडिया घराने योगी आदित्यनाथ को ‘सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री’ बता रहे हैं, लेकिन इसमें दो राय नहीं कि योगी न तो सबसे अच्छे मुख्यमंत्री हैं और न ही सबसे सक्ष’म, फिर भी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी के लिए योगी को ह’टाना आ’सान नहीं होगा।
बहरहाल, योगी जो भी कहें, का’नून-व्यवस्था के लिहाज से यूपी देश के चंद सबसे बु’रे प्रदेशों में है। योगी ने मुख्यमंत्री बनने से पहले से लेकर बाद भी हिं’दुत्व ब्रि’गेड को ब’ढ़ावा दिया, लेकिन वह अपने चहे’तों को भी ब’चा नहीं पा रहे। आरएसएस सदस्य और बागपत के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष संजय खोखर की अगस्त में गो’ली मा’रकर ह’त्या कर दी गई। फरवरी में हजरतगंज में मोटरसाइकिल सवार लोगों ने विश्व हिंदू महासभा अध्यक्ष रंजीत बच्चन की गो’ली मा’रकर जा’न ले ली। हिंदू महासभा नेता और हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष को पिछले साल अक्तूबर में लखनऊ में उनके कार्यालय में गो’ली मा’र दी गई।
एक-डेढ़ दशक पहले योगी ने जिस हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया था, उसके नेता संजय सिंह की पिछले सितंबर में बरेली में चा’कू गो’दकर ह’त्या कर दी गई। और तो और, योगी के गढ़ गोरखपुर में ही 14 साल के बच्चे की अपह’रण के बाद ह’त्या कर दी गई। उसके पिता के पास जमीन बे’चने से मिले पैसे थे और अपहरणकर्ताओं ने बच्चे के बदले फि’रौती में एक करोड़ रुपये मांगे थे। जुलाई में 56 साल की महिला सोफिया बेगम ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर खुद को आ’ग लगी ली और बाद में उसकी मृ’त्यु हो गई। उस महिला की जमीन कुछ लोगों ने ह’ड़प ली थी और वह पुलिस की निष्क्रि’यता की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान खींचना चाह रही थी।
योगी सरकार में पुलिस की गाड़ियों पर तो जैसे भूत सवार हो जाता है जो अपरा’धियों की जा’न लेकर ही शां’त होता है। गैं’गस्टर विकास दुबे को गिर’फ्तार कर कानपुर ला रही पुलिस की तीन गाड़ियों के का’फिले में वही गाड़ी पल’टती है, जिसमें विकास दुबे होता है और उसके बाद पुलि’सिया कहानी के मुताबिक वह भा’गने की को’शिश करता है और पुलिस की गो’ली से मा’रा जाता है। गौरतलब है कि एक ही दिन पहले विकास दुबे के साथी कार्तिकेय की भी ‘मुठभे’ड़’ में मौ’त हुई थी। उसे भी गिर’फ्तार करके पुलिस कानपुर ला रही थी कि रास्ते में टायर पं’क्चर हो जाने से गाड़ी प’लट गई और पुलिस की पि’स्तौल छीनकर भाग रहे कार्तिकेय की मु’ठभेड़ में मौ’त हो जाती है। पूरी कहानी फिल्मी!
हा’लत यह है कि बीजेपी कार्यकर्ता भी मानते हैं कि योगी एक सामं’तवादी शा’सक जैसा व्यव’हार करते हैं। लंबे समय से बीजेपी के लिए काम करने वाले दो कार्यकर्ता दिल पर हाथ रखकर कहते हैं कि योगी के कामकाज से उन्हें बे’हद निरा’शा हुई। वे भी इन अटक’लों की पु’ष्टि करते हैं कि पार्टी के भीतर योगी को चलता किए जाने की बात हो रही है। हाथरस कां’ड में तो राज्य सरकार ने अपने आप को ‘हं’सी का पा’त्र’ ही बना लिया है।
पहले सरकार दा’वा करती है कि पीड़िता के साथ गैं’गरे’प की बात झू’ठी है। फिर पी’ड़िता के परिवार को मुआ’वजे की पेशकश की जाती है और लड़की ने जिन चार लोगों के नाम लिए, उन्हें पुलिस गिर’फ्तार कर लेती है और अदा’लत में मामले की सुनवाई से पहले ही इन गिर’फ्तार लोगों को बेक’सूर बता दिया जाता है। जिस अमा’नवीय तरीके से पुलिस ने परिवारवालों के विरो’ध के बावजूद रात के अं’धेरे में पी’ड़िता के श’व का अं’तिम सं’स्कार कर दिया, वह रह’स्य को और ग’हरा देता है।
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