दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित श’राब घोटाले में जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देने के साथ यह भी कहा कि उनकी गिर’फ्तारी गलत नहीं है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइंया की बेंच ने यह फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि चूंकि चार्जशीट दायर हो चुकी है और ट्रायल निकट भविष्य में पूरा नहीं होने वाला है। इसलिए अरविंद केजरीवाल को लंबे समय तक जेल में रखने का औचित्य नहीं है। हालांकि, केजरीवाल को 10 लाख का बेल बॉन्ड भरना होगा।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने यह आदेश पारित करते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्ता’री वैध थी और प्रासंगिक प्रक्रियात्मक कानूनों के अनुपालन में थी। वहीं, केजरीवाल ने शीर्ष न्यायालय के समक्ष दो अलग-अलग याचिकाएं दायर कीं – एक सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली और दूसरी जमानत की मांग करने वाली। जहां बाद वाली याचिका को स्वीकार कर लिया गया, वहीं पहली याचिका को खारिज कर दिया गया।
वहीं, इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि जांच के उद्देश्य से किसी ऐसे व्यक्ति को गिर’फ्तार करने में कोई बाधा नहीं है जो पहले से ही किसी अन्य मामले में हिरासत में है। सीबीआई ने अपने आवेदन में उल्लेख किया है कि गिर’फ्तारी क्यों आवश्यक थी और चूंकि न्यायिक आदेश था। इसमें दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41(ए)(3) का कोई उल्लंघन नहीं हुआ। कोर्ट ने साफ़ तौर पर कहा कि न्यायालय ने कहा कि जब मजिस्ट्रेट ने वारंट जारी किया है तो जांच कार्यालय इसके लिए कोई कारण बताने से मुक्त हो जाता है।
कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता होने की धारणा को दूर करना चाहिए और ईडी मामले में जमानत की शर्त के खिलाफ आपत्ति जताई, जिसमें केजरीवाल को सीएम सचिवालय जाने या फाइलों पर हस्ताक्षर करने से रोका गया है। जस्टिस उज्जल भुइयां ने कहा कि सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी ईडी मामले में जमानत को निरर्थक बनाने का एक उपाय मात्र है।
आपको बताते चलें कि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने 5 अगस्त को इस संबंध में केजरीवाल की याचिकाओं को खारिज कर दिया था और उन्हें जमानत के लिए निचली अदालत जाने को कहा था। इसके चलते केजरीवाल ने शीर्ष अदालत में तत्काल अपील की। सीबीआई ने 26 जून को केजरीवाल को गिर’फ्तार किया था, जब वह इसी घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांचे जा रहे धन शोधन मामले में न्यायिक हिरासत में थे।
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