पटना: बिहार के बीजेपी अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के खिलाफ पार्टी के अंदर विरोध बढ़ता जा रहा है। पूर्व सांसद हरि मांझी के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने भी सम्राट चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सम्राट का नाम लिए बिना कहा कि अध्यक्ष पद पर आयातित माल उन्हें बर्दाश्त नहीं है। संगठन के मूल व्यक्ति को ही अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलनी चाहिए। बता दें कि सम्राट चौधरी बीजेपी से पहले लालू यादव की आरजेडी में रह चुके हैं।
बक्सर से सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री का बीजेपी ने इस बार लोकसभा का टिकट काट दिया था। उनकी जगह मिथिलेश तिवारी को टिकट दिया गया था, मगर उन्हें बक्सर से आरजेडी कैंडिडेट सुधाकर सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि बीजेपी बिहार में पूर्ण बहुमत के साथ अकेले अपने दम पर सत्ता में आए। वह अपने गठबंधन के सहयोगियों को भी साथ लें। इसके लिए संगठन के हर कार्यकर्ता को अभी से जुट जाना होगा। नीतीश कुमार को भी हम आगे भी साथ लेकर चलेंगे।
बीजेपी से सीएम दावेदार के नाम पर चौबे ने कहा कि इस बारे में केंद्रीय नेतृत्व फैसला लेगा। मुख्यमंत्री कौन होगा, यह चुनाव होने के बाद तय किया जाएगा। सम्राट चौधरी पर इशारों में तंज कसते हुए चौबे ने कहा कि अध्यक्ष पद पर आयातित माल हमें बर्दाश्त नहीं है। चाहे वो राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर हो या किसी राज्य के अध्यक्ष की। उन्होंने कहा जो संगठन का मूल व्यक्ति है, उसे मौका मिलना चाहिए।
लोकसभा चुनाव के बाद बिहार बीजेपी में घमासान मचा हुआ है। अश्विनी चौबे से पहले एक और पूर्व सांसद ने खुले तौर पर सम्राट चौधरी के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। गया से सांसद रहे हरि मांझी ने सम्राट पर हमला बोलते हुए कहा था कि लोकसभा चुनाव में बिहार बीजेपी के अध्यक्ष अपनी जाति (कुशवाहा) के वोट ही पार्टी को नहीं दिला पाए। इस कारण एनडीए को औरंगाबाद, काराकाट, बक्सर और आरा में हार का सामना करना पड़ा। हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता संजय पासवान ने भी अपनी पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर नीतीश कुमार साथ न होते तो बिहार में भाजपा जीरो पर आउट हो जाती।
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