मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच में 200 बेड का इमरजेंसी वार्ड खोला जायेगा। इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। अधीक्षक डॉ. कुमारी विभा ने बताया कि रोगी कल्याण समिति की बैठक में पास करवा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इमरजेंसी में अभी 45 बेड ही हैं, जिस कारण अस्पताल में जितने मरीज आते हैं, उस हिसाब से उनको बेड नहीं मिल पाता। एसकेएमसीएच में अभी हाल में ही 20 बेड का नया इमरजेंसी वार्ड बनाया गया है। बावजूद बेड की किल्ल्त बनी रहती है। 200 बेड लग जाने के बाद यह उत्तर बिहार का सबसे बड़ा इमरजेंसी केयर यूनिट होगा।
अधीक्षक ने बताया कि एसकेएमसीएच की इमरजेंसी दूसरी जगह भी शिफ्ट की जा सकती है। इसके लिए अगले महीने जगह चिन्हित की जायेगी। अभी जहां इमरजेंसी है, वहां 200 बेड का वार्ड नहीं तैयार किया जा सकता। एसकेएमसीएच इमरजेंसी के लिए पीकू के आसपास की जगह देखी जा सकती है। जुलाई में रोगी कल्याण समिति की आयोजित बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जायेगा। यहां से पास हो जाने के बाद प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा जायेगा।
एसकेएसमीएच में 200 बेड की इमरजेंसी खुल जाने के बाद यह उत्तर व पूर्व बिहार में सबसे बड़ी इमरजेंसी होगी। बेतिया मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में 12 बेड हैं। दरभंगा मेडिकल की इमरजेंसी में 21 और भागलपुर मेडिकल कॉलेज की इमजरेंसी में 25 बेड हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह अस्पताल के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
एसकेएमसीएच में मरीजों के लिए लिफ्ट भी लगाई जायेगी। रोगी कल्याण समिति के समक्ष इस प्रस्ताव को भी रखा जायेगा। मरीजों को अभी ऊपरी मंजिलों पर जाने के लिए रैंप या सीढ़ी का सहारा लेना पड़ता है। लिफ्ट लग जाने से दिव्यांग मरीजों को लाभ होगा। इसके अलावा अस्पताल में दिव्यांग मरीजों के लिए व्हील चेयर भी लगाये जा रहे हैं।
एसकेएमसीएच की इमरजेंसी में हर दिन लगभग 500 मरीज आते हैं। बेड नहीं मिलने पर मरीजों को जमीन पर लिटाकर इलाज किया जाता है। कई बार गंभीर मरीजों को भी बेड नहीं मिल पाता है। एसकेएमसीएच में मुजफ्फरपुर के अलावा उत्तर बिहार के शिवहर, सीतामढ़ी, बेतिया, मोतिहारी और वैशाली जिले से भी मरीज आते हैं। पीएचसी से मारपीट के मरीज को भी यहां रेफर कर दिया जाता है।
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