कथित श’राब घोटाले से जुड़े मनी लॉ’न्ड्रिंग केस में गिर’फ्तार आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से राउज ऐवेन्यू कोर्ट ने इनकार कर दिया। बुधवार को कोर्ट ने केजरीवाल की अपील यह कहते हुए खारिज कर दी कि चुनाव के दौरान उन्होंने खूब प्रचार किया और यह दिखाता है कि वह किसी गंभीर या जीवन संकट में डालने वाली बीमारी से ग्रस्त नहीं हैं। केजरीवाल ने कुछ जरूरी टेस्ट करवाने के लिए 7 दिन की मोहलत मांगी थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, स्पेशल जज ने कहा कि डायबिटीज या यहां तक कि टाइप-2 डायबिटीज को इतना गंभीर नहीं कहा जा सकता है कि वह दावे के मुताबिक राहत के हकदार हों।कोर्ट ने कहा कि किटोन लेवल और वजन में कमी के निर्धारण के लिए टेस्ट करवाने के लिए अंतरिम राहत का आधार मेडिकल ग्राउंड से कमजोर है। कोर्ट ने कहा, ‘जाहिर तौर पर खुद आवदेक के मुताबिक वह अंतरिम जमानत संभावित बीमारी का पता लगाने के लिए चाहते हैं, इसे राहत के लिए उचित आधार नहीं कहा जा सकता है, खासकर तब जब चिंता का समाधान आवदेक के हिरासत में रहते हुए भी किया जा सकता है।’
कोर्ट ने कहा कि कोई वजह नहीं है कि केजरीवाल की जांच हिरासत में नहीं हो सकती है। कोर्ट ने इसके बाद जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि केजरीवाल के स्वास्थ्य की जांच करवाई जाए। आदेश में यह भी कहा गया है कि एम्स में इसके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया जा सकता है। कोर्ट ने जेल प्रशासन से कहा कि डॉक्टर की सलाह पर बिना किसी देरी के उनके स्वास्थ्य की जांच कराई जाए। अदालत ने यह भी कहा कि टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर जो भी जरूरी उपचार हो कराया जाए।
केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर 7 जून को सुनवाई होगी। केजरीवाल को बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री को 21 मार्च को ईडी ने गि’रफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी। केजरीवाल पूर्व निर्धारित शर्त के मुताबकि सरेंडर करते हुए दोबारा 2 जून को जेल चले गए। कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 19 जून तक बढ़ा दी है।
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