मुजफ्फरपुर: नहाय-खाय के साथ सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ शुरू हो गया है। शुक्रवार को बूढ़ी गंडक नदी तट के विभिन्न घाटों पर व्रतियों ने स्नान कर सूर्य देव का पूजन किया। आश्रमघाट, अखाड़ाघाट, सिकंदरपुर सीढ़ी घाट व संगम घाट पर महिला व्रतियों ने स्नान कर एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर सुहाग की सलामती की कामना की। जो व्रती नदी घाट पर नहीं आ सके, उन्होंने अपने घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किया। व्रतियों ने अरवा चावल का भात, कद्दू की सब्जी खाकर पर्व का शुभारंभ किया। उसके बाद व्रतियों ने छठ व्रत के लिए ठेकुआ प्रसाद व खरना की रोटी के लिए गेहूं धोकर सुखाया।
शनिवार को पूरे दिन उपवास पर रहकर शाम में व्रती खरना पूजन करेंगी। इससे पूर्व मिट्टी के चूल्हे पर गेहूं की रोटी और गुड़ निर्मित चावल की खीर तैयार करेंगी। उसके बाद केला के पत्ते पर रोटी, खीर, केला से खराना पूजा का भोग लगाएंगी। प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे के निर्जला उपवास पर रहेंगी। रविवार को संध्या अर्घ्य और सोमवार को सुबह के अर्घ्य के बाद पर्व का समापन होगा।
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