मुजफ्फरपुर में स्मार्ट सिटी के काम के दौरान निर्माण एजेंसियों की लापरवाही की वजह से नलों से गंदा पानी निकल रहा है। इससे शहर के एक दर्जन से अधिक मोहल्लों में लोगों की परेशानी बढ़ गई है। सबसे अधिक समस्या ब्रह्मपुरा इलाके की हैं जहां लीकेज या क्षतिग्रस्त प्वाइंट पर लॉक नहीं लगाने से नाले का गंदा पानी पाइप में प्रवेश कर रहा है।
दरअसल, नाला निर्माण को लेकर सड़क काटने के दौरान असावधानी से बार-बार जलापूर्ति पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो रही है। निगम की जल कार्य शाखा के स्तर से कई बार स्मार्ट सिटी से लेकर निर्माण एजेंसियों को भी टोका गया पर कोई फायदा नहीं हुआ। इससे जलसंकट के साथ हजारों लीटर पानी नाला या सड़क पर बहकर बर्बाद हो रहा है।
ब्रह्मपुरा थाना के पास कुछ जगह क्षतिग्रस्त पाइपलाइन की गड़बड़ी ठीक नहीं होने से यह स्थिति है। इसके अलावा मेहदी हसन चौक, सरैयागंज टावर, अखाड़ाघाट रोड में जीडी मदर स्कूल के पास के गली-मोहल्लों में भी नलों से गंदा पानी आने से लोग हलकान हैं।
निर्माण कार्य के दौरान जलापूर्ति पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने पर उसकी मरम्मत संबंधित एजेंसी को करनी है। टेंडर की शर्तों में इसका प्रावधान है, लेकिन निर्माण एजेंसियां मरम्मत में आनाकानी करती हैं। लोगों की परेशानी को देखते हुए निगम की टीम जब तक एक-दो इलाके में गड़बड़ी ठीक करती है, तब तक नई जगह पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने की सूचना आने लगती है।
क्षतिग्रस्त होने के बाद नए-पुराने जलापूर्ति पाइप गायब भी हो रहे हैं। अखाड़ाघाट रोड, ब्रह्मपुरा, लक्ष्मी चौक व अन्य इलाकों में एक किमी से अधिक पाइप गायब हो चुके हैं। कई जगहों पर नये पाइप लगाए गए पर कुछ इलाकों में बाकी है। आलम यह है कि मरम्मत, पाइप बदलने व अन्य कार्यों में होने वाले खर्च को लेकर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी को 80 लाख से अधिक का बिल देने के बावजूद हालात में परिवर्तन नहीं है।
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