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आरजेडी ने इन चारों सीटों पर अपनी पार्टी के कैंडिडेट को उतारकर दिया सिंबल, कांग्रेस ने जताई आपत्ति

पटना: बिहार महागठबंधन में लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे का पेच अभी तक सुलझ नहीं पाया है। पहले चरण में बिहार की चार सीटों पर चुनाव होना है। इसमें गया, जमुई, औरंगाबाद और नवादा सीट शामिल है। लालू एवं तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी ने इन चारों सीटों पर अपनी पार्टी के कैंडिडेट उतारकर उन्हें सिंबल दे दिए हैं। बिना सीट बंटवारे के ही सिंबल बांटे जाने पर कांग्रेस ने आरजेडी पर आ्पत्ति जताई है। खासकर औरंगाबाद में कांग्रेस नेता आरजेडी के कैंडिडेट का खुलकर विरोध कर रहे हैं। यहां से पूर्व सांसद निखिल कुमार के नेतृत्व में कांग्रेस नेता एकजुट होकर यह सीट पार्टी के खाते में लाने की मांग कर रहे हैं।

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मिली जानकारी के मुताबिक,  कांग्रेस भी औरंगाबाद को लेकर आरजेडी से अड़ी हुई है। पार्टी की मांग है कि यहां से कैंडिडेट बदला जाए। कांग्रेस से निखिल कुमार इस सीट पर दावेदारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह कई महीनों से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में यह सीट कांग्रेस को दी जानी चाहिए। आरजेडी बिना सीट बंटवारे के ही चुपके से कैंडिडेट उतार रही है, जो गलत है। दरअसल, आरजेडी ने जेडीयू से आए अभय कुशवाहा को औरंगाबाद से प्रत्याशी बनाया है।

औरंगाबाद लोकसभा सीट पर पहले चरण में चुनाव होना है। ऐसे में यहां गुरुवार 28 मार्च को नामांकन का आखिरी दिन है। नामांकन के लिए अब उम्मीदवारों के पास 24 घंटे ही बचे हैं। बीजेपी उम्मीदवार सुशील सिंह सोमवार को ही अपना पर्चा भर चुके हैं। हालांकि, आरजेडी कैंडिडेट अभय कुशवाहा ने अभी तक अपना नामांकन नहीं किया है। बताया जा रहा है कि वे आखिरी दिन गुरुवार को ही अपना पर्चा दाखिल करेंगे।

दूसरी ओर, आरजेडी और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की बुधवार को दिल्ली में अंतिम चरण की बैठक होगी। इसमें औरंगाबाद सीट पर भी चर्चा होना की संभावना है। कांग्रेस नेता  निखिल कुमार औरंगाबाद से खुद चुनाव लड़ने के लिए पार्टी पर दबाव बना रहे हैं। गुरुवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में कांग्रेस आरजेडी के सामने यह मुद्दा उठाएगी। माना जा रहा है कि अगर बात बनती है तो अभय कुशवाहा के बदले निखिल कुमार को औरंगाबाद से कैंडिडेट बनाया जा सकता है। हालांकि, लालू एवं तेजस्वी यादव आसानी से यह सीट कांग्रेस को देने के मूड में नहीं हैं। अगर आरजेडी ही इस सीट पर चुनाव लड़ती है तो निखिल कुमार की नाराजगी कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकती है।

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