रमजान का पवित्र माह करीब आज चुका है। यह वही मौसम है जब इस्लाम को मानने वाले दुनियाभर के लोग एक महीने तक रोजा रखते हैं और ऊपर वाल से नेकी की दुआ मांगते हैं। इस माह में खुदा की रहमत बरसती है। लेकिन रमजान शुरू होने से पहले चांद का दिखना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि चांद के दीदार होने पर ही रोजेदार पहले रोजा की शुरुआत करते हैं। रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता है जो कि बहुत ही पवित्र माना गया है। माना जाता है कि इसी महीने में पवित्र धर्मग्रंथ कुरान शरीफ को जन्नत से पृथ्वी पर उतारा गया था। इस दौरान लोग रोजा रखते हैं और जकात करते हैं।
रमजान का पवित्र पर्व इस साल 11 या 12 मार्च से शुरू होने की उम्मीद है। रमजार शुरू होने की सही डेट चांद दिखने के बाद ही तय होगी। सउदी अरब या भारत में चांद दिखने के अगले दिन से ही रमजान का पवित्र महीना शुरू होगा।
इस बार रमजान का पहल रोजा 11 या 12 मार्च 2024 को पड़ेगा। लेकिन यह इस बात से तय होगा कि मक्का में रमजान का चांद कब दिखता है। इस्लामिक परंपरा के अनुसार, रमजान के पवित्र चांद का दीदार सबसे पहले सउदी अरब के मक्का में किया जाता है। यहां चांद दिखने ऐलान के बाद ही भारत, बांग्लादेश और पाकिस्ततान जैसे तमाम देशों में रोजा शुरू होते हैं। इस बार सउदी अरब में 10 मार्च 2024 को या 11 मार्च 2024 की शाम को चांद दिख सकता है। इसके साथ ही 11 मार्च को भारत व बांग्लादेश में भी चांद का दीदार होने के बाद रोजे शुरू हो सकते हैं।
बताया जा रहा है कि रमजान से पहले चांद के दीदार करने का इतिहास बहुत पुराना है। हर साल 29 शाबान को चांद देखने के लिए बनी समिति सूर्य ढलने के साथ ही पवित्र चांद दीदार में जुट जाती है। बहुत से लोग टेलीस्कोप के माध्यम से भी चांद देखते हैं। चांद देखने की परंपरा इस्लाम में बहुत महत्वपूर्ण है जो दशकों से चली आ रही है। रोजा शुरू होने के अलावा रमजान के आखिरी दिन भी चांद देखा जाता है जिसे ईद का चांद करते हैं। इस दिन को ईद-उल-फित्र के रूप में मनाया जाता है जो मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार माना गया है।
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