पटना: बिहार में तीन हफ्ते पहले ही महागठबंधन को छोड़कर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में गए जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के लिए लालू यादव और तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल का दरवाजा खुला हुआ है। आरजेडी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने बड़ा ऐलान किया है कि नीतीश के लिए उनका दरवाजा खुला ही रहता है। लालू ने वैशाली के जन्दाहा जाने से पहले दस सर्कुलर रोड आवास पर कहा कि नीतीश वापस उनके पास लौटते हैं तो उनका स्वागत है। उनके लिए हमेशा दरवाजा खुला है। उन्होंने कहा कि वे आएंगे तब देखेंगे।
विधानसभा में नीतीश की अगुवाई में एनडीए सरकार के विश्वास मत पर बहस के दौरान तेजस्वी यादव ने सदन में ही कहा था कि उधर दिक्कत हो तो हम लोग हैं। तेजस्वी ने अपने भाषण में नीतीश को लेकर कोई गुस्सा का इजहार भी नहीं किया था और सम्मान के साथ उनके बारे में बात की कि पता नहीं क्यों चले गए। हमें कह देते कि मंत्रियों से दिक्कत है तो हम लोग बाहर से समर्थन दे देते। तेजस्वी का यह कहना नीतीश को एक खुला संदेश है कि आप चाहें तो हम बाहर से समर्थन दे सकते हैं लेकिन बीजेपी का साथ छोड़ दीजिए।
विधानसभा में तेजस्वी की तरफ से जेडीयू को खुले ऑफर के बाद लालू के ताजा बयान से यह साफ हो रहा है कि आरजेडी नीतीश या जेडीयू पर हमला करने के बदले उनको वापस लाने की रणनीति पर काम कर रही है। लालू का बयान तेजस्वी की बात को उसी दिशा में आगे बढ़ाता है। लालू और तेजस्वी इस कोशिश में दिख रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में नीतीश भले ना लौटें लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले लौट आएं जिससे 2025 में महागठबंधन मजबूती से चुनाव लड़ सके और तेजस्वी की ताजपोशी का रास्ता आसान हो।
हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़ने के बाद अब तक कई बार इस बात को दोहरा दिया चुके हैं कि उधर से अपनी पुरानी जगह पर आ गए हैं। अब अब हमेशा के लिए एनडीए के साथ ही रहेंगे। नीतीश कहते नजर आए कि अब महागठबंधन में कभी नहीं जाएंगे।जीवन भर अब एनडीए का हिस्सा बनकर रहेंगे। विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान नीतीश कुमार ने बीजेपी की कार्यशैली की प्रशंसा की और आरजेडी पर सत्ता में रहते कमाने का गंभीर आरोप लगाया। लालू यादव और तेजस्वी को अभी भी नीतीश कुमार का इंतजार है।
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