पटना: बिहार के लगभग साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों के लिए बड़ी खबर है। सक्षमता परीक्षा में पास होने के लिए अब उन्हें तीन के बजाय पांच मौके मिल सकते हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस बारे में संकेत दिए हैं। बताया जा रहा है कि नियोजित शिक्षकों के विरोध के बाद विभाग ने सक्षमता परीक्षा के अधिकतम अटेंप्ट बढ़ाने पर विचार किया है। जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। केके पाठक ने कहा कि तीन के बजाय पांच अटेंप्ट करने में कोई बड़ी बात या समस्या नहीं है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सीतामढ़ी स्थित डायट भवन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सक्षमता परीक्षा में नियोजित शिक्षकों को तीन के बदले पांच मौके मिल सकते हैं। डायट के मीटिंग हॉल में नियोजित शिक्षकों एवं पदाधिकारियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि परीक्षा से डरने की जरूरत नहीं है। बिल्कुल सरल प्रश्न पूछे जाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसको लेकर निर्देश जारी कर दिया है।
एसीएस केके पाठक ने कहा कि सक्षमता परीक्षा के सवाल बीपीएससी एग्जाम की तरह कठिन नहीं होंगे। अभी परीक्षा पास करने को तीन मौके दिए जा रहे हैं। जरूरत पड़ी तो इसे बढ़ाकर पांच मौके कर दिए जाएंगे। इसमें कोई बड़ी दिक्कत नहीं है। शिक्षकों को रिफ्रेश करने के लिए सक्षमता परीक्षा कराई जा रही है। हर 6 माह पर प्रशिक्षण दिए जाएंगे। शिक्षक निर्भीक होकर इस परीक्षा में भाग लें।
उन्होंने कहा कि डायट के सभी डायरेक्टर को निर्देश दिया गया है कि शिक्षकों को कंप्यूटर का ज्ञान भी दें। आने वाला समय पूरी तरह डिजिटल होगा। उन्हें अभी से जानकारी होगी तो स्कूल में कंप्यूटर आने पर काम करने में दिक्कत नहीं होगी।
इससे पहले मधुबनी के शिवगंगा बालिका प्लस टू स्कूल में निरीक्षण के दौरान एसीएस पाठक ने कहा कि नियोजित शिक्षक निर्भीक होकर सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन भरें। किसी तरह का संशय नहीं रखें। उन्होंने कहा कि सक्षमता परीक्षा में सफल होने वाले 80 फीसदी शिक्षकों की पदस्थापना उनके ही जिले में होगी। कम अंक पाने वाले या विषय की रिक्ति नहीं होने की स्थिति में ही दूसरे जिले में पदस्थापना की जाएगी।
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