पटना: बिहार में नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले सियासी पारा चरम पर है। इस बीच पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह एनडीए में ही रहेंगे। महागठबंधन से मुख्यमंत्री पद के ऑफर पर मांझी ने कहा कि वह गरीब जरूर हैं, लेकिन कुर्सी के लालच में किसी को धोखा नहीं दे सकते हैं। बता दें कि मांझी ने नीतीश कैबिनेट में अपनी पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) से एक और मंत्री बनाने की मांग की थी। उन्होंने तब कहा था कि उन्हें महागठबंधन से मुख्यमंत्री पद का ऑफर था।
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी ने कहा कि उनके लिए सत्ता की कोई कुर्सी मायने नहीं रखती है। बस गरीबों, मजलूमों और दबे-कुचले लोगों के हक की आवाज उठती रहे, उनका काम हो, यही काफी है। मांझी ने कहा, ‘मैं गरीब जरूर हूं लेकिन कुर्सी के लालच में किसी को धोखा नहीं दे सकता। HAM प्रधानमंत्री मोदी के साथ थे, हैं और रहेंगे।’
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले महीने महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में वापसी की। उसके बाद राज्य में एनडीए की सरकार का गठन हुआ। इस सरकार में जीतनराम मांझी के बेटे एवं HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन भी मंत्री बनाए गए। हालांकि, मांझी ने इसके बाद एक और मंत्री बनाने की मांग कर दी, जिससे सियासी पारा गर्मा गया था। मांझी ने यह भी कहा कि महागठबंधन से उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर था, ऐसे में उन्हें कम से कम दो मंत्री पद तो मिलने ही चाहिए।
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