कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन दिनों तक बिहार के सीमांचल में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान रहे और किशनगंज, पूर्णिया, अररिया और कटिहार होते हुए पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर गए। राहुल गांधी अपनी यात्रा के दौरान आम लोगों से भी मिले और किसानों, बेरोजगारो से भी मुलाकात की. रोड शो के जरिए अपनी ताकत भी दिखाने की कोशिश की, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि राहुल गांधी की यह यात्रा कांग्रेस को कितना ताकत दे पाएगी।
किशनगंज एक मात्र ऐसी सीट है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की सहयोगी पार्टी कांग्रेस जीत सकी थी. वैसे, राहुल गांधी जिस दिन बिहार की धरती पर पहुंचे उसी दिन नीतीश कुमार पाला बदलकर एनडीए के साथ चले गए. राहुल गांधी ने पूर्णिया में एक रैली को संबोधित करते हुए महागठबंधन के लिए ‘नीतीश की जरूरत नहीं’ की बात भले की, लेकिन माना जा रहा है कि नीतीश के बिना महागठबंधन की राह आसान नहीं है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि अगर नीतीश की पार्टी जदयू राहुल गांधी की न्याय यात्रा के साथ होती तो यह यात्रा और दमदार होती।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी हालांकि सीमांचल के लोगों को धन्यवाद और आभार जताना नहीं भूले। राहुल गांधी का इस दौरान लोगों ने दिल खोलकर स्वागत भी किया. सीमांचल की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले पूर्णिया के राजेश शर्मा ने कहा कि 4 लोकसभा और 24 विधानसभा वाले सीमांचल क्षेत्र में राहुल गांधी की यात्रा का प्रभाव तब दिखेगा जब यहां के लोकसभा चुनाव क्षेत्र से दमदार प्रत्याशी भी उतारे जाएं।
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