भारत की पहली महिला शिक्षक जिन्होंने शिक्षा के माध्यम से समाज और महिलाओं को सशक्तिकरण करने एवं महान समाज सुधारक एवं क्रांतिकारी ज्योति सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाई गई। इस दौरान शहर के चंद्रलोक गुमटी स्लम बस्ती मे एक प्रयास मंच द्वारा महिलाओं के बीच पठन-पाठन की सामग्री का वितरण किया गया। मंच के संस्थापक संजय रजक ने कहा कि दिन 3 जनवरी 1831 के दिन क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले का जन्म हुआ था। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा और उनके विकास के लिए काफी काम किया। जिस समय महिलाओं के लिए स्कूल और कॉलेज जाने पर पाबन्दी थी। उस समय सावित्रीबाई ने 1848 में पुणे में पहला गर्ल्स स्कूल का स्थापना किया था।
इस स्कूल में महिलाओं के शिक्षा के साथ अधिकार की भी जानकारी दी जाती थी साथ ही समाज में बाल विवाह ,सती प्रथा का विरोध किया महिलाओं के खिलाफ हो रहे हैं अत्याचार के विरोध में भी आवाज उठाई। 1852 में ब्रिटिश सरकार ने भी फूले परिवार को उनके काम के लिए बेस्ट टीचर का खिताब से सम्मानित किया।
आज इनकी जयन्ती पर बस्ती की महिलाओं के बीच पठन समाग्री वितरण किया गया। कहा जाता हैं कि “एक महिला पढ़ेगी,सात पीढ़ी बढ़ेगी” एक महिला जब पढ़ लेगी तो अपने साथ, अपने परिवार, अपने समाज को शिक्षित कर सकती है। जयंती के इस अवसर पर मुकुल चौहान, रोहित मल्लिक,संजय रजक व अन्य बस्ती के लोग उपस्थित रहें।
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