पटना: लोकसभा चुनाव 2024 और बिहार विधानसभा 2025 के मद्देनजर दलित वोट बैंक को साधने के लिए नीतीश की पार्टी जेडीयू ने 26 नवंबर को भीम संसद का आयोजन किया है। जिसमें लाखों लोगों का महाजुटान होगा। इसी लक्ष्य के साथ जोरदार तैयारी चल रही है। ऐसे में इसे सफल बनाने को लेकर मंगलवार को भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी के आवास पर बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता महादलित आयोग के सदस्य रामनरेश राम ने की।
दरअसल, बिहार सरकार के मंत्री और सीएम नीतीश के भरोसेमंद नेता की लिस्ट में शामिल अशोक चौधरी ने कहा कि आज साम्प्रदायिक शक्तियां देश को अस्थिर करने में लगी हैं तथा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का संविधान खतरे में है। हम सबके नेता नीतीश कुमार ने दलितों के उत्थान के लिए बहुत काम किया है। इसलिए आज जरूरत है कि हम सभी मुख्यमंत्री के नेतृत्व को और ताकत दें। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी लोगों से यह आग्रह किया कि 26 नवंबर को ज्यादा-से-ज्यादा संख्या में पटना पहुंच कर मुख्यमंत्री के हाथों को मज़बूती देने के साथ आरक्षण और संविधान विरोधी ता़कतों को मुंहतोड़ जवाब दें।
मालूम हो कि, कुछ दिन पहले ही जेडीयू की तरफ से पटना में भीम संसद का आयोजन की तारीख बदल दी गई है। पहले यह आयोजन पांच नवंबर को होना था। लेकिन अब इसे 26 नवंबर को पटना के वेटनरी ग्राउंड में आयोजित किया जाएगा। जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने बताया कि बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र 6 नवंबर से आयोजित होने के कारण भीम संसद की तारीख बदली गई है।
बता दें कि, 10 अक्तूबर, 2023 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में भीम संसद रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। लोकसभा चुनाव के पहले दलित वोटर्स को गोलबंद करने के लिए जेडीयू इस भीम संसद का आयोजन कर रही है। जेडीयू के मुताबिक, भीम संसद रथ के माध्यम से महात्मा गांधी एवं बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के आदर्श, विचार एवं उनके द्वारा किये गए कार्यों से आम जनमानस को अवगत कराया जाएगा।
Be First to Comment