पटना: लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार यात्रा पर निकलने वाले हैं। उन्होंने हाल ही में इसकी घोषणा करके सियासी गलियारों में चर्चा छेड़ दी है। इस यात्रा के कई मायने निकाले जा रहे हैं। नीतीश की इस यात्रा का मकसद जेडीयू की जमीन मजबूत करने, राज्य सरकार की योजनाओं एवं बड़े कदमों को जनता तक पहुंचाने और बीजेपी एवं केंद्र सरकार की विफलताओं को बताना होगा। इस दौरान वे बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के खिलाफ मूवमेंट भी चलाएंगे। बताया जा रहा हैं कि नीतीश कुमार इस यात्रा के जरिए अपने सहयोगियों को ताकत भी दिखाएंगे। ताकि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस एवं आरजेडी के साथ सीटों को लेकर कमजोर नहीं पड़ना पड़े।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को एक सरकारी कार्यक्रम में घोषणा की कि वे फिर से बिहार की यात्रा पर निकलने वाले हैं। मुख्यमंत्री रहते हुए नीतीश कई बार यात्रा निकाल चुके हैं। इसी साल की शुरुआत में उन्होंने समाधान यात्रा निकालकर विभिन्न जिलों का दौरा किया था। अब आगामी यात्रा के जरिए वे फिर से अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने का काम करेंगे।
नीतीश की बिहार यात्रा कब और कितनी लंबी होगी, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं आई है। माना जा रहा है कि सीएम नीतीश नए साल में इस यात्रा की शुरुआत करेंगे। छठ पूजा के बाद जेडीयू के नेता यात्रा के रूटमैप और रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं। लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीनों का वक्त बचा है। एमपी, राजस्थान समेत पांच राज्यों में इस महीने विधानसभा चुनाव होने के बाद विभिन्न पार्टियों का पूरा फोकस 2024 के आम चुनाव पर आ जाएगा। माना जा रहा है कि विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन के नेता भी फिर से एक्टिव होकर सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे। इस दौरान अलग-अलग राज्यों में साझा रैलियां भी होंगी। नीतीश कुमार गठबंधन के क्रियाकलापों में अपनी मजबूत मौजूदगी बनाए रखने की कवायद में अभी से जुट गए हैं।
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