पटना: रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले (लैंड फॉर जॉब केस) में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनके बेट बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी और पत्नी एवं पूर्व सीएम राबड़ी देवी समेत 17 लोगों की कोर्ट में बुधवार को पेशी है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने पिछले महीने उन्हें समन कर 4 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा था। बताया जा रहा है कि लालू परिवार बुधवार को अदालत में हाजिर हो सकता है। बता दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी, जिसके तहत ही सभी आरोपियों को समन किया गया।
सीबीआई ने 3 जुलाई को नई चार्जशीट दायर की थी, जिसमें तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया था। इससे पहले तेजस्वी का नाम इस केस में नहीं था। हालांकि, लालू यादव, राबड़ी देवी, इनकी बेटी मीसा भारती समेत अन्य का नाम पूर्व की चार्जशीट में ही आ गया था। इन्होंने अभी जमानत ले रखी है। कानूनी जानकारों के मुताबिक अगर अदालत तेजस्वी यादव के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर एक्शन लेता है तो उन्हें तुरंत जमानत लेनी होगी। नहीं तो फिर उनके जेल जाने की नौबत भी आ सकती है।
जमीन के बदले नौकरी देने का कथित घोटाला साल यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल से जुड़ा हुआ है। उस समय लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप हैं कि उस समय रेलवे में कई लोगों को फर्जी तरीके से नौकरी दी गई थी और उसके बदले में लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीनें लिखवाई गई थीं। सीबीआई इस केस के आपराधिक पहलू की जांच कर रही है, जबकि ईडी इसके वित्तीय और मनी लॉन्ड्रिंग के पहलु को देख रही है। दोनों ही एजेंसियां बीते एक साल में लालू परिवार और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है।
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