मुजफ्फरपुर: बीआरएबीयू में वोकेशनल कोर्स चलाने वाले कॉलेजों को छात्रों को प्लेसमेंट की रिपोर्ट देनी होगी। इसका निर्देश बिहार विवि की सीसीडीसी प्रो अमिता शर्मा ने दिया है। उन्होंने कॉलेजों से कहा है कि जो भी छात्र उनके यहां वोकेशनल कोर्स में दाखिला लेते हैं, वह उनके इंटर्नशिप और नौकरी की व्यवस्था करें। इसके लिए वह उद्योगों से भी बातचीत करें। बिहार विवि के कॉलेजों ने पिछले पांच वर्षों से वोकेशनल कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों की नौकरी और इंटर्नशिप की रिपोर्ट नहीं है। कॉलेजों को यह बताना है कि उनके यहां वोकेशनल कोर्स के कितने दाखिले हुए और कितने छात्रों को इंटर्नशिप और प्लेसमेंट मिला।
बिहार विवि की सीसीडीसी प्रो अमिता शर्मा ने बताया कि यूजीसी के निर्देश के मुताबिक वोकेशनल कोर्स में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को प्लेसमेंट और इंडस्ट्री ट्रेनिंग कराई जानी जरूरी है। वोकेशनल कोर्स चलाने वाले कॉलेजों को छात्रों को प्लेसमेंट और ट्रेनिंग की रिपोर्ट विवि को देनी होगी। बीआरएबीयू में वोकेशनल कोर्स में 5402 सीट हैं। इन सीटों पर हर वर्ष 3000 से 3500 छात्रों का दाखिला होता है। बिहार विवि के 31 कॉलेजों में वोकेशनल कोर्स चलते हैं। बिहार विवि में बीसीए, बीबीए से लेकर एमबीए और एमसीए कोर्स चलते हैं। इन कोर्स की फीस 50 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक है। इतनी फीस देने के बाद भी छात्रों का प्लेसमेंट नहीं हो सकता है।
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