Press "Enter" to skip to content

बीजेपी के खिलाफ पोल खोल अभियान चलाएगी जेडीयू; ललन सिंह ने किया ऐलान

पटना: जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बिहार में भाजपा के खिलाफ पोल खोल अभियान चलाने की घोषणा की। 1 से 5 सितम्बर तक हर जिला मुख्यालय, 7 से 12 सितम्बर तक हर प्रखंड मुख्यालय में मशाल जुलूस व कैंडल मार्च निकालकर जातीय गणना को रोकने को लेकर सामने आए भाजपा के चेहरे को बेनकाब किया जाएगा। 15 से 20 सितम्बर तक सभी लोग अपने घरों के ऊपर काला झंडा लगाकर भाजपा का विरोध करेंगे।

BJP के खिलाफ JDU का पोल खोल अभियान: ललन सिंह बोले - निकाय चुनाव स्थगित होना  है एक साजिश, jdu-protest-against-bjp-over-ebc-reservation-in-bihar -municipal-corporation

ललन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पटना हाइकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में भाजपा ने अपरोक्ष रूप से लोकहित याचिका कराकर जातीय गणना को रोकने की कोशिश की। कल सॉलिसिटर जनरल के सुप्रीम कोर्ट में इसपर पक्ष रखने से भाजपा खुलकर सामने आ गयी। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार स्वयं के संसाधन से प्रदेश में जातीय गणना करवा रही है। इसका मकसद आर्थिक रूप से अविकसित लोगों की पहचान कराई जा सके। वहीं, प्रधानमंत्री को जब वोट चाहिए होता है तो वह खुद को अतिपिछड़ा समाज से जोड़ लेते हैं मगर जब हक देने की बात आती है तो प्रधानमंत्री गरीब और अतिपिछड़ा विरोधी नीतियों पर चलने लगते हैं।

 

वहीं दूसरी ओर बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि बीजेपी हमेशा से जाति गणना के पक्ष में रही है और इसे पूर्ववर्ती एनडीए सरकार की कैबिनेट ने पारित किया था, जिसमें पार्टी के 16 मंत्री थे। भाजपा ने जाति गणना के लिए नीतीश कुमार के अनुरोध पर सहमति व्यक्त की थी और इसे कैबिनेट द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया था। सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि समस्या यह है कि नीतीश कुमार दोनों तरफ से खेलने की कोशिश करते हैं। नरेंद्र मोदी सरकार गरीबों, वंचितों और हाशिये पर पड़े लोगों की प्रगति के लिए उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर से बिहार में जातीय गणना (सर्वेक्षण) को जारी रखने के पटना हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया। शीर्ष न्यायालय ने साफ कहा कि हम तब तक इस प्रक्रिया यानी जातीय गणना करने या रिपोर्ट प्रकाशित करने पर रोक नहीं लगाएंगे, जब तक इसके खिलाफ प्रथमदृष्टया मामला नहीं बनता हो।

Share This Article

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *