पटना: भारत में आज क्रिकेट के धर्म बन चुका है. देश के हर कोने में क्रिकेट देखा जाता है और खेला जाता है. इसी वजह से बीसीसीआई हर राज्य में इंटरनेशनल क्रिकेट मैच को लाने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में बिहार एक बार फिर से पिछड़ता हुआ नजर आ रहा है. बिहार में एक ही स्टेडियम है, जिसमे इंटरनेशनल क्रिकेट मैच हुआ है। हालांकि अब इस मैदान के हालात ऐसे है कि यहां रणजी मैच भी नहीं हो सकता है. इस स्टेडियम का नाम मोइनुल हक स्टेडियम है।
लगभग 28 साल पहले हुआ था इंटरनेशनल मैच
राजधानी पटना स्थित जिस मोइनुल हक स्टेडियम में कभी इंटरनेशनल मैच होता था. इस मैदान पर पहला इंटरनेशनल मैच 15 नवंबर 1993 में श्रीलंका और जिम्बावे के बीच पहला खेला गया था. इसके अलावा इसी मैदान पर भारत-वेस्ट इंडीज के बीच महिला क्रिकेट टेस्ट मैच 1976 में खेला गया था. इस मैदान में आखिरी मैच 27 फरवरी 1996 में केन्या और जिम्बावे के बीच एक दिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट में खेला गया था. इस मैच में बाद यहां पर कोई भी इंटरनेशनल मैच नहीं हुआ है. आज इस मैदान की हालात इतनी ख़राब है कि यहां अब रणजी मैच भी नहीं हो सकता है।
50 साल से अधिक पुराना है ये मैदान
राजेंद्र नगर में बने इस स्टेडियम का निर्माण 1969-70 में हुआ था. लेकिन अब इस मैदान के हालात देख कर इस बात का अनुमान लगाना मुश्किल है कि यहां कभी इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी भी आते थे. देखरेख के अभाव की वजह से करोड़ों रूपए की खरीदी गई मशीन कबाड़ हो गई है. ये मैदान अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है. मैदान के बाहर ही अब मेट्रो स्टेशन का काम हो रहा है, इस वजह से मैदान की हालात और ज्यादा ख़राब हो गई है. पहले इस मैदान में करीब 25000 लोग एक साथ मैच देख सकते थे, लेकिन अब यहां के स्टैंड भी टूट गए हैं. जिस वजह से अब यहां कोई भी मैदान तक देखने नहीं आता है।
बता दें कि इस समय राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अपने खेल के दिनों में झारखंड का प्रतिनिधित्व किया है। राज्य ने पिछले 23 वर्षों से किसी भी अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी नहीं की है। बिहार की खेल प्रतिभा अब दूसरे राज्यों में जाकर खेल रही है. हाल में ही टीम इंडिया में जगह बनने वाले बिहार के मुकेश कुमार भी बंगाल की तरफ से खेलते हैं।
Be First to Comment