पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज यानी बुधवार (21 जून) को होने वाली कैबिनेट बैठक को स्थगित कर दिया है. ये बैठक दोपहर के 12:30 बजे से सचिवालय के कैबिनेट हॉल में होनी थी. सरकार की ओर से जारी किए गए पत्र में अपरिहार्य कारण बताया गया है. नीतीश कुमार ने इससे पहले कल (20 जून) को अचानक से अपना तमिलनाडु दौरा कैंसिल कर दिया था. उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को चेन्नई जाना था. एयरपोर्ट पर तेजस्वी यादव उनका इंतजार करते रहे, अंत में उन्हें मंत्री संजय झा को साथ लेकर जाना पड़ा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का तमिलनाडु दौरा विपक्षी एकता के लिए काफी अहम माना जा रहा था. उन्हें चेन्नई में ‘कलैगनार कोट्टम’ परिसर का उद्घाटन करना था. इसके बावजूद नीतीश ने अपना दौरा रद्द कर दिया. इसके बाद अब उन्होंने कैबिनेट की बैठक भी कैंसिल कर दी. जिसके बाद विपक्षी एकता पर कई सवाल उठ रहे हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नीतीश कुमार इन दिनों महागठबंधन के सहयोगियों से नाराज हैं.
दरअसल, बिहार में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने जिस तरह से कैबिनेट विस्तार की तारीख का ऐलान किया है, उससे नीतीश पर बीजेपी हमलावर है. बीजेपी का कहना है कि कैबिनेट विस्तार का अधिकार मुख्यमंत्री के पास होता, लेकिन बिहार में ये अधिकार सहयोगियों के पास है. इतना ही नहीं अखिलेश प्रसाद सिंह ने राहुल गांधी को भावी प्रधानमंत्री भी घोषित कर दिया है, जबकि नीतीश खुद पीएम पद की रेस मे हैं. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की इस तरह की बयानबाजी से नीतीश काफी नाराज हैं.
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कांग्रेस के बढ़ते दबदबे से नीतीश कुमार अब खुद कंफ्यूज हैं. लोगों का तो ये भी कहना है कि यदि उन्हें पीएम कैंडिडेट नहीं घोषित किया गया तो वो फिर से पलटी मार लेंगे. जानकारी के मुताबिक, तेजस्वी यादव के बढ़ते दखल से भी नीतीश कुमार नाराज हैं. सरकार हो या गठबंधन, तेजस्वी अब सभी जगह अपनी भूमिका बढ़ा रहे हैं. इसीलिए विपक्षी नेताओं से मुलाकात के वक्त वो भी नीतीश कुमार के साथ मौजूद रहते हैं.
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