Press "Enter" to skip to content

पटना: कूड़े के ढेर में मिलीं गरीबों को मिलने वाली दवाएं, एक्सपायरी होने पर कर्मचारियों ने फेंका

पटनाः भले ही बिहार में सरकारी अस्पतालों में सरकार मुफ्त में गरीबों को सभी दवाएं देने के लिए दावा तो करती हो, लेकिन आज भी ग्रामीण इलाके के अस्पतालों में गरीबों को दवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जब तेजस्वी यादव स्वास्थ्य मंत्री बने थे, तो उम्मीद जगी थी कि अब स्वास्थ्य विभाग की स्थिति सुदृढ़ होगी, लेकिन तेजस्वी यादव के स्वास्थ्य मंत्री बनने के बावजूद अस्पतालों में स्थिति माकूल नहीं हो पाई है. अस्पतालों में गरीबों को मिलने वाली दवाएं रखे रखे एक्सपायर हो जा रही हैं।

Thumbnail image

ऐसा ही हाल है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मसौढ़ी का, जहां पर एक कमरे में ढेर सारी एक्सपायरी दवा फेंकी हुई थी. यह बच्चों को इन्फेक्शन में काम आने वाली एंटीबायोटिक इंजेक्शन थी, जो रखे रखे एक्सपायर हो गई और इसे कूढ़े के ढेर में फेंक दिया गया।

हालांकि जानकारों के मुताबिक बताया जाता है कि किसी भी अस्पताल में जब कभी कोई दवा एक्सपायर होती है, तो उसके कुछ महीने पहले बीएमआईसीएल कंपनी को सूचना दी जाती है और वह कंपनी उस दवा को वापस मंगा लेती है, लेकिन इन सब के बावजूद यह दवाएं क्यों फेंकी गईं ये एक बड़ा सवाल है.

इस सिलसिले में मसौढ़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी प्रबंधक चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि मामला हमारे संज्ञान में आया है, हम इसकी जांच करवाते हैं कि आखिर किन परिस्थितियों में अस्पताल में ये दवाएं फेंकी गई हैं. जबकि दवा एक्सपायर होने से पहले बीएमआईसीएल कंपनी को भेजा जाता है. जिस किसी कर्मचारी की लापरवाही होगी, उस पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा.

Share This Article

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *