पटना: बिहार भाजपा के कोर ग्रुप की बैठक आज को दिल्ली में होगी। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह के आवास पर होने वाली इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष, बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े भी शामिल होंगे। बैठक में शामिल होने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी मंगलवार की देर शाम ही दिल्ली चले गए थे। कोर ग्रुप में शामिल पार्टी के कुछ नेता दिल्ली में ही हैं। सूत्रों के अनुसार इसमें 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार में एनडीए के स्वरूप पर चर्चा होगी।
लोकसभा चुनाव 2024 की रणनीति पर होगा मंथन
बीजेपी कोर ग्रुप की मीटिंग में दो-तीन बड़े मसले हैं जिस पर चर्चा और कुछ फैसला होने की उम्मीद है भले वो सारे सार्वजनिक ना हों। एजेंडा में सबसे ऊपर 23 जून को पटना में नीतीश कुमार की मेजबानी में हो रही विपक्षी दलों की एकता मीटिंग है। इसको लेकर बिहार में पार्टी की क्या रणनीति हो और क्या कोई एक्टिविटी प्लान की जाए, इस पर फैसला होगा। संभावना है कि बिहार बीजेपी उस दिन पटना में कोई कार्यक्रम करके एकजुटता मीटिंग के लिए आ रहे विपक्षी दलों और उनके नेताओं पर सवाल उठाए।
दूसरा अहम मसला है प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की टीम। 23 मार्च को ही बिहार बीजेपी प्रमुख बन चुके सम्राट चौधरी ने अभी तक अपनी टीम नहीं बनाई है जबकि तीन महीने होने चला है। लोकसभा चुनाव में अब 8-9 महीने बचे हैं इसलिए संगठन में सबकी जिम्मेदारी तय हो इसके लिए कार्यकारिणी और टीम का गठन बहुत जरूरी है। माना जाता है कि सम्राट चौधरी को जल्द से जल्द टीम बनाने को कहा जाएगा।
तीसरा मसला है लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार में एनडीए का स्वरूप कैसा रहे और उसमें किन-किन दलों और नेताओं को जोड़ा जाए। इस समय बिहार में एनडीए में बीजेपी के अलावा सिर्फ पशुपति पारस की रालोजपा ही है। चिराग पासवान की लोजपा-रामविलास, मुकेश सहनी की वीआईपी, उपेंद्र कुशवाहा की आरएलजेडी और अब जीतन राम मांझी की हम, ये चार राजनीतिक दल हैं जो एनडीए की तरफ झुके हुए तो हैं लेकिन अभी तक औपचारिक रूप से एनडीए का हिस्सा नहीं हैं। इन लोगों को साथ लेने के लिए बीजेपी को बिहार में सीटों की कुर्बानी देनी होगी।
चौथा मसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिहार दौरा है जिसकी बात प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी कर चुके हैं। सम्राट चौधरी ने कहा था कि केंद्र में बीजेपी की सरकार के नौ साल पूरे होने पर बीजेपी 30 जून तक एक महीने लंबा जनसंपर्क अभियान चलाएगी। इस दौरान चार बड़ी रैलियां भी पार्टी करेगी जिसमें से एक रैली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। चौधरी ने कहा था कि प्रधानमंत्री कार्यालय से मोदी की रैली के आग्रह को सैद्धांतिक सहमित मिल गई है लेकिन तारीख अभी तय नहीं हुआ है। कोर ग्रुप मीटिंग में प्रधानमंत्री की रैली की तारीख को लेकर बात बढ़ सकती है। अनुमान है कि अब मोदी की रैली 23 जून को विपक्षी एकता की मीटिंग के बाद होगी ताकि बिहार में एकजुट हुए विपक्ष पर मोदी बिहार में ही जवाबी हमला कर सकें।
40 लोकसभा सीट में 2014 की तरह 30 सीट खुद लड़ने का मन बनाए बैठी बीजेपी के लिए इस बार सीटों का बंटवारा मुश्किल साबित होने जा रहा है क्योंकि 2014 में तीन पार्टी थी और अब उसके साथ छह पार्टियां आ सकती हैं। कोर ग्रुप की मीटिंग में जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी मन बनाएगी कि वो कितनी सीटें लड़े और कितनी सीट वो सहयोगियों के लिए छोड़ सकती है। सीटों का अंतिम फैसला हालांकि शीर्ष नेतृत्व ही करेगा लेकिन बिहार के बीजेपी नेता क्या चाहते हैं, इस मीटिंग से उनका फीडबैक नेतृत्व को मिलेगा।
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