पटना: बिहार के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई आज सुबह तड़के 6 बजकर 15 मिनट पर हो गई। जेल से छोड़े जाने के बाद से गोपालगंज के तत्कालीन डीएम रहे जी कृष्णैया की बेटी पद्मा की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होने नीतीश सरकार के इस फैसले को बेहद गलत बताते हुए कहा कि पुनर्विचार करन को कहा है। साथ ही नीतीश सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी अपील करने की बात कही है। पद्मा ने कहा कि इस फैसले से उनकी सरकार ने एक गलत मिसाल कायम की है। यह सिर्फ एक परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है। हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
राष्ट्रपति- पीएम से हस्तक्षेप की मांग
जी कृष्णैया की बेटी पद्मा ने आगे कहा कि आनंद मोहन की रिहाई राजनीतिक फायदे के लिए की गई है। आनंद मोहन राजपूत हैं। और उस बिरादरी का वोट पाने के लिए उनकी रिहाई हुई। इस मामले में अब राष्ट्रपति और पीएम मोदी से भी हस्तक्षेप करने की मांग करेंगे। और जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट में भी अपील करेंगे।
ऐसे व्यक्ति को न दें वोट- उषा देवी
वहीं जी कृष्णैया की पत्नी उषा देवी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार से उन्हें वापस जेल भेजने की अपील करती हूं.। इस रिहाई पर जनता विरोध कर रही है, इसके बाद भी उनको आजाद कर दिया गया। कानून के तहत वो जेल में गए थे तो फिर कानून के तहत बाहर कैसे आ गए। ? ये सब राजनीति के चलते हुआ। उन्होने आगे कहा कि वो बिहार की जनता से अपील करती हैं कि चुनाव में वो ऐसे व्यक्ति को वोट न दें।
पी’ट-पी’टकर हुई थी जी कृष्णैया की ह’त्या
आपको बता दें दिसंबर 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की भीड़ में पी’ट-पी’टकर ह’त्या कर दी गई थी। घट’ना उस वक्त की है जब उनकी गाड़ी छोटन शुक्ला की श’व यात्रा के दौरान गुजर रही थी जिस पर भीड़ बेकाबू हो गई थी। इस श’व यात्रा में आनंद मोहन भी शामिल हुए थे। जिसमें उनपर भीड़ को उकसाने का आ’रोप लगा था। साल 2008 में पटना हाईकोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। लेकिन नीतीश सरकार ने कारा नियमों में संसोधन कर दिया। जिसके बाद आनंद मोहन समेत 27 अन्य लोगों की भी रिहाई मुमकिन हो सकी। जिसका विरोध भी खुलकर सामने आ रही है। बिहार बीजेपी ने इस फैसले पर नीतीश सरकार को जमकर घेरा है।
Be First to Comment