बिहार: बिहार का 111वां स्थापना दिवस सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी धूमधाम से मनाया जा रहा है। जिसकी शुरुआत सबसे पहले 2010 में एनडीए सरकार में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी। तब से लगातार 13 सालों से बिहार दिवस मनाया जा रहा है। लेकिन अब इस भी क्रेडिट वॉर छिड़ गई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि सबसे पहले 2005 में बीजेपी ने बिहार दिवस मनाने की परंपरा शुरु की थी।
बिहार दिवस मनाने की परंपरा बीजेपी की देन
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम ने ट्वीट कर सबसे पहले बिहारवासियों को 111वें स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दीं। और दस साल में बिहार को विकसित राज्य बनाने का संकल्प लेने की अपील की। मोदी ने कहा कि 2005 में एनडीए की सरकार बनने के बाद ही बिहार पटरी पर लौट सका। बिहार दिवस मनाने की शुरुआत भी उसी दौर में हुई थी। एनडीए सरकार ने विकास और गुड गवर्नेंस दिया, जिससे बिहार सबसे तेज विकास करने वाला राज्य बना।
सुशील मोदी ने आरजेडी पर साधा निशाना
सुशील मोदी ने कहा कि आजादी के 14 साल तक राजनीतिक स्थिरता रही और प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य का प्रारंभिक विकास हुआ। 1961 में श्री बाबू की मृ’त्यु के बाद अस्थिरता, भ्र’ष्टाचार और कुशा’सन के चलते बिहार लगातार पिछड़ता चला गया। 1961 से 1990 तक 29 सालों में 23 मुख्यमंत्री आए-गएऔर राष्ट्रपति शासन भी लगता रहा। जिससे विकास में बाधा उत्पन्न हुईं। लेकिन 1990 में ऐसी सरकार आई, जिसने 20 साल राज करने के इरादे से अपराध और भ्र’ष्टाचार का खुलकर राजनीतिकरण किया। और विकास को दरकिनारे कर दिया। 15 साल में बिहार 50 साल पीछे चला गया।
आपको बता दें बिहार स्थापना दिवस 2010 से मनाया जा रहा है। लेकिन बीजेपी ने बयान देकर बिहार दिवस का क्रेडिट नीतीश कुमार से छीनने की कोशिश की है। बिहार दिवस 22 मार्च से 24 मार्च तक मनाया जा रहा है। इस दौरान पूरे बिहार में जगह-जगह समारोह और भव्य आयोजन हो रहे हैं। लेकिन सियासत भी जारी है।
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