पटना: बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की राह अपना ली है। यादव ने कहा है कि समाज में फैले नफरत, गुस्सा और द्वेष को सिर्फ प्यार से ही दूर किया जा सकता है। पटना वीमेंस कॉलेज में नवनिर्मित ऑडिटोरियम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए यादव ने शुक्रवार को कहा,”समाज में बहुत गुस्सा और नफरत है, जिसका मुकाबला केवल प्यार से किया जा सकता है।” राहुल गांधी ने हाल ही में भारत जोड़ो यात्रा पूरी की है। इस यात्रा में वह लोगों से नफरत और गुस्सा के बदले प्यार बांटने की अपील करते दिखे थे।
धर्म और जाति से ऊपर उठने का आह्वान करते हुए तेजस्वी ने कहा कि कुछ लोग उन्हें ‘जातिवादी’ कहते हैं। उन्होंने कहा, “अगर मैं जातिवादी होता, तो मैं कैथोलिक ईसाई से शादी नहीं करता।” मंच पर उनके साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद भी थे, जो पटना से सांसद भी हैं। तेजस्वी ने कहा, “हमें धर्म और जाति से ऊपर उठना होगा। यह संविधान ही है जो देश को चलाता है। कोई भी धर्म हमें लड़ने के लिए नहीं कहता है। आज समाज में तनाव है, गुस्सा है और सब जगह जहर है। इसका मुकाबला सिर्फ प्यार से किया जा सकता है।”
मिली जानकारी के मुताबिक, रविशंकर प्रसाद को अपना अभिभावक बताते हुए तेजस्वी ने बीजेपी सांसद से अनुरोध किया कि वह केंद्र सरकार के सामने पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी दिलाने की मांग रखें। उन्होंने कहा, “मैं फिर से याद दिला रहा हूं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी से अनुरोध कर चुके हैं। इसलिए, कृपया पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाएं।”
तेजस्वी ने रविशंकर प्रसाद को पुराने दिनों की याद दिलाते हुए कहा,”आखिरकार, आप पहली बार अपनी पत्नी से इसी कॉलेज में मिले थे। इसलिए, पटना वीमेंस कॉलेज चाहता है कि आप [रविशंकर] पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलवाएं।”
अंग्रेजी और हिंदी में मिलाकर दिए अपने भाषण में तेजस्वी ने कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव को कैसे इस वीमेंस कॉलेज ने पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ का अध्यक्ष बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के लिए अपना बजट 16 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा कि पटना वीमेंस कॉलेज महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हम टॉप 100 स्टूडेन्ट्स को आगे की पढ़ाई के लिए विदेशों में भेजेंगे।
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