मुजफ्फरपुर: रिकॉर्ड के मुताबिक, जिले के 40 से अधिक स्कूल गायब हो गए हैं। पहले किसी अन्य विद्यालय में शिफ्ट ये स्कूल भवन बनने के बाद वहां चले गए, लेकिन उसे कागज पर दर्ज करना भूल गए। स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर इन स्कूलों के रजिस्ट्रेशन जब रिजेक्ट हुए तो जांच में यह मामला सामने आया। इससे स्कूलों के कागजी रिपोर्ट भरने में हो रहे खेल की भी पोल खुल गई।
स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर सभी स्कूल को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना है। इन स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन किया तो मामला सामने आया कि रिकॉर्ड पर ये स्कूल है ही नहीं। विभागीय रिकॉर्ड में इन स्कूलों का अपना कोई अस्तित्व ही नहीं है।
जांच हुई तो पता चला कि ये स्कूल अपने भवन में चल रहे हैं, जबकि कागज पर ये अब भी किसी दूसरे विद्यालय में ही शिफ्ट बताए जा रहे हैं। जांच में यह भी सामने आया कि जिन स्कूल के पास कमरे हैं, वह भी शिफ्टिंग और भवनहीन स्कूल में ही खुद को दिखा रहे हैं। पहले शिफ्टिंग में चल रहे स्कूल अपना भवन बनने के बाद भी कागज पर खुद को अपडेट नहीं कर रहे हैं।
पांच प्रखंडों में ऐसे स्कूल सबसे अधिक
डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान विभा कुमारी ने बताया कि कांटी, औराई, कुढ़नी, गायघाट, औराई में सबसे अधिक ऐसे स्कूल सामने आए हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण में जब इन स्कूलों का रजिस्ट्रेशन स्वीकार नहीं किया गया तो जांच कराई गई। सही डाटा नहीं भरने से शिक्षकों की संख्या में भी अंतर आ रहा था। इनके प्रभारी से जवाब मांगा गया है। इसके साथ ही बीईओ को तलब किया है। स्कूलों के भरे डाटा को प्रखंड स्तर पर जांच करवा कर आगे भेजना है।
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