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जो कहा वो किया, भाजपा और महागठबंधन का फर्क साफ है; नीतीश पर बीजेपी का पोस्टर हम’ला

पटना: राजधानी पटना में भाजपा प्रदेश कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है। इस पोस्टर के जरिए बिहार में वर्तमान सत्तारूढ़ महागठबंधन पर तंज किया गया है।  इस पोस्टर में भाजपा शासन और महागठबंधन शासन की तुलना की गई है।

He did what he said the difference between the BJP and the Grand Alliance  is clear BJP poster attack on Nitish - जो कहा वो किया, भाजपा और महागठबंधन  का फर्क साफ

भाजपा के मुख्य प्रदेश कार्यालय के बाहर लगे बड़े पोस्टर में अपने लिए भाजपा ने लिखा है ‘जो कहा, सो किया’। वहीं महागठबंधन के लिए लिखा गया है कि ‘सिर्फ ठगा’। इस पोस्टर में भाजपा और महागठबंधन के बीच में लिखा गया है ‘फर्क साफ है’।

बता दें कि, बिहार भाजपा प्रदेश कार्यालय के पास जो पोस्टर लगाया गया है उसमें भाजपा के जेडीयू के साथ शासनकाल में किये गए काम को भगवा रंग की पट्टी के जरिए दर्शाया गया है। जबकि महागठबंधन की नाकामियों को काले रंग से दर्शया गया है। इसमें भाजपा ने अपने लिए लिखा है कि भाजपा सरकार का काम बेमिसाल। जबकि महागठबंधन के लिए लिखा गया है, महागठबंधन सरकार में सिर्फ फर्जी दावे। इस पोस्टर में भाजपा ने अपने चार उपलब्धियां को गेरुए रंग में लिखा है, वहीं महागठबंधन की चार नाकामियों को काले रंग से लिखा है। इस पोस्टर में एक-एक करके भाजपा ने अपनी सारी उपलब्धियों को बताया है। तो वहीं, महागठबंधन की नाकामियों को बिंदुवार तरीके से लिखा गया है।

इस पोस्टर में भाजपा ने बताया कि, वर्ष 2020-21 में रिकॉर्ड 36 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई और दलहन की खरीद को भी एमएसपी पर सुनिश्चित किया गया था। पीएम स्वास्थ्य योजना के तहत दरभंगा में दूसरे एम्स के निर्माण के लिए 200 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई है। नई शिक्षा नीति के तहत बिहार में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में उपलब्ध कराई गई। पीएम आवास योजना के तहत वर्ष 2020-21 और 21-22 में कुल 9,53,284 घरों का निर्माण कराया गया।

जबकि महागठबंधन के बारे में लिखा गया है कि, किसानों के कृषि ऋण को माफ करने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस विषय पर कोई बात नहीं हुई। बिजली निजीकरण को समाप्त करने तथा एक सौ यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा की थी लेकिन, अब तक वादा पूरा नहीं हुआ। बेरोजगार युवकों को 1500 रुपए तथा होनहार बेटियों को स्कूटी देने की घोषणा की थी लेकिन अब तक इसका कोई जिक्र नहीं हुआ है। टोला सेवक को और मिड डे मिल कर्मियों को स्थाई सरकारी नौकरी में तब्दील करने की घोषणा की गई थी लेकिन, अब इस विषय पर बात करना भी छोड़ दिया गया है।

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