मुजफ्फरपुर: ढाई वर्षीय मासूम मिष्ठी अपनी मौसी की शादी में बरूराज के नुनिया डीह स्थित ननिहाल आई थी। शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे खेलने के दौरान पूजा घर की दीवार उसके ऊपर गिर गई। जिसमें वह गं’भीर रूप से घा’यल हो गई। उसे एसकेएमसीएच लेकर पहुंचे। इमरजेंसी में मासूम को लेकर डेढ़ घंटे रोते-बिलखते रहे लेकिन इमरजेंसी में कोई डॉक्टर नहीं थे। अस्पताल अधीक्षक के कहने पर डॉक्टर इलाज के लिए पहुंचे। लेकिन, वहां न्यूरो सर्जन की कमी और डॉक्टरों की लाप’रवाही का खामियाजा उसे भुगतना पड़ा।दोपहर करीब एक बजे से मिष्ठी के इलाज के लिए भटकते रहे। सिर में गहरी चो’ट के कारण डॉक्टर ने न्यूरो सर्जन के आने तक इंतजार करने को कहा। यह इंतजार भारी पड़ रही थी। ऐसे में परिवार के कहने पर डॉक्टर ने पीएमसीएच रेफर कर दिया। लेकिन, शाम करीब 5 बजे पीएमसीएच ले जाने के लिए मेडिकल परिसर में ही एंबुलेंस में बैठते ही मिष्ठी ने दम तो’ड़ दिया।
बच्ची के सिर में गहरी चोट थी, कान से बह रहा था खू’न
इधर, मासूम मिष्ठी का प्रारंभिक इलाज करने वाले डॉ. तौसीफ ने बताया कि बच्ची के सिर में गहरी चो’ट लगी थी। उसके बाएं कान से खू’न निकल रहा था। परिवार को बोला कि न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक कर्ण को कॉल कर बुला देते हैं। लेकिन, परिवार बच्ची को पीएमसीएच रेफर करने का दबाव डालने लगा। इधर, एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. बीएस झा ने बताया कि जानकारी मिलने पर मैनेजर भेज कर बच्ची के इलाज की व्यवस्था कराई। उसकी स्थिति काफी गंभीर थी।
इलाज में लापरवाही की 11 दिनों में तीसरी घट’ना
एसकेएमसीएच में 11 दिनों के अंदर इलाज में लापरवाही की तीसरी घट’ना है। पहले शिवहर निवासी टीबी मरीज राजकुमार की मौ’त के बाद डॉक्टर पर लापर’वाही का आरो’प लगाया था। वहीं, कांटी निवासी नीरज कुमार पांडेय को 9 दिनों तक गो’ली नहीं निकलने के कारण तबीयत बिगड़ने पर पटना रेफर करना पड़ा।
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