पटना में राजद कार्यालय पर लगी ताजा होर्डिंग – ‘एक ही लक्ष्य एक विचार, राष्ट्र का गौरव बने बिहार‘, को राज्य और देश की सियासत के लिए नए संदेश के रूप में देखा जा रहा है। इसका संदेश राष्ट्रीय स्तर पर बिहार को नेतृत्व की भूमिका में स्थापित करने की है।
माना जा रहा है कि इसके जरिए नीतीश कुमार की विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम को और धारदार बनाया जाएगा। बता दें बिहार में सात दलों के महागठबंधन और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन, राजद की इस नई होर्डिंग का संदेश साफ है कि राज्य में जदयू और राजद वैचारिक और लक्ष्य की धरातल पर एकजुट हैं। लक्ष्य केंद्र की सत्ता से भाजपा को बेदखल करना है।
राजद के इस होर्डिंग से यह भी कयास लगाया जा रहा है कि महागठबंधन के दोनों धड़े- राजद और जदयू देश में समाजवादी मंच पर अलग भूमिका में दिखेंगे। इनके शीर्ष नेता लालू प्रसाद और नीतीश कुमार समाजवादी विचारधारा से आते हैं। नीतीश कुमार बार-बार इसकी दुहाई देते रहे हैं कि हम एक ही विचारधारा से आते हैं।
राजद की होर्डंग की दूसरी लाइन राष्ट्र का गौरव बने बिहार, को नीतीश कुमार ने पहले विपक्षी एकता को लेकर जो मुहिम चलाई थी और उस वक्त जदयू ने जो होर्डिंग लगाए थे, ‘बिहार में दिखा, अब देश में दिखेगा’, को एक -दूसरे का पूरक माना जा रहा है। नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बनाने की अंदरखाने जो कवायद चल रही है, उसे राजद के इस होर्डिंग से बल मिला है। होर्डिंग पर एक ओर भारत के नक्शे के साथ लालू प्रसाद जबकि दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राजद के चुनावचिह्न लालटेन की तस्वीर है।
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद जदयू कार्यालय में पांच नये नारों के होर्डिंग लगाए गए। इन नारों में- ‘प्रदेश में दिखा, देश में दिखेगा।’ और दूसरा, आश्वासन नहीं, सुशासन’ थे। इसी तरह तीन और नारे, ‘मन की नहीं, काम की’, ‘जुमला नहीं, हकीकत’ और ‘आगाज हुआ, बदवाल होगा’ के नारे दिए गए थे। होर्डिंग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बड़ी तस्वीर भी लगी है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक तीन-चार सितंबर को पटना में हुई थी। इसके ठीक पहले ये होर्डिंग लगाये गये थे।राजद की इस होर्डिंग में कई सियासी संदेश भी छिपे हैं।
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