चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास ने 3 नवंबर को बिहार विधानसभा की मोकामा और गोपालगंज सीट के उप-चुनाव से पहले अकेले चुनाव लड़ रही बीजेपी को दिवाली का तोहफा दे दिया है।
चिराग पासवान की पार्टी की दिल्ली में सोमवार को हुई बैठक में इस उप-चुनाव को लेकर दो बात तय हुई और दोनों का फायदा बीजेपी को मिलने की पूरी संभावना है। चिराग पासवान ने कहा कि एक तो उनकी पार्टी मोकामा या गोपालगंज का उप-चुनाव नहीं लड़ेगी और दूसरा लोजपा का समर्थन उसे नहीं मिलेगा जिसके साथ नीतीश कुमार होंगे।
चुनाव में एक तरफ महागठबंधन से आरजेडी दोनों सीट लड़ रही है तो दूसरी तरफ एनडीए से बीजेपी दोनों सीट लड़ रही है। चिराग के बयान के अनुसार नीतीश के साथ वाले महागठबंधन को लोजपा का समर्थन नहीं मिलेगा जिसका जाहिर सा मतलब यह है कि मोकामा और गोपालगंज में लोजपा का समर्थन एनडीए यानी बीजेपी को मिलेगा।
चिराग पासवान ने 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले बिहारी फर्स्ट अभियान चलाया था और नीतीश कुमार के खिलाफ एनडीए से अलग होकर अकेले लड़ गए थे। खास बात ये रही थी कि चिराग ने सिर्फ उन सीटों पर कैंडिडेट खड़े किए जहां एनडीए की तरफ से बीजेपी नहीं लड़ रही थी। जेडीयू के नेताओं का आरोप है कि बीजेपी ने साथ रहकर जेडीयू के खिलाफ चिराग के साथ मिलकर साजिश रची ताकि जेडीयू की सीटें कम हो जाएं।
लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद दिल्ली में चिराग पासवान ने कहा कि लोजपा मोकामा और गोपालगंज का उप-चुनाव नहीं लड़ेगी।
समर्थन के सवाल पर चिराग ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए कि लोजपा का समर्थन किसे मिलेगा। उन्होंने कहा कि वो शुरू से नीतीश कुमार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं इसलिए जिस गठबंधन में नीतीश कुमार की जेडीयू होगी, उस गठबंधन को लोजपा का समर्थन नहीं मिलेगा। चिराग ने इसी मौके पर गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया।
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