मुख्यमंत्री को तानाशाह और बिहार के मंत्रियों को चपरासी बोलकर बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार को खुला चैलेंज दे दिया है। कैमूर के चैनपुर में एक जनसभा के दौरान सुधाकर सिंह सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के सरकार में शामिल मंत्रियों के सामने सचिव फाइल लाते हैं तो उन्हें चुपचाप दस्तखत करना पड़ता है। उनकी स्थिति रबड़ स्टांप की है। दस्तखत नहीं करने पर डर रहता है कि कहीं मास्टर नाराज न हो जाए। सुधाकर सिंह ने पीएम बनने के लिए बेचैन होने वाला बयान देकर नीतीश कुमार के मिशन 2024 पर भी निशाना साधा है।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि सुधाकर सिंह अपने बयान से नीतीश कुमार के साथ साथ लालू यादव और तेजस्वी यादव को भी चैलेंज कर रहे हैं। पिछले दिनों पार्टी की बैठक में राजद सुप्रीमो लालू यादव ने पार्टी के नेताओं को ऐसी बात करने से मना कर दिया था जिससे सरकार को दिक्कत हो।
लालू यादव ने साफ कर दिया था कि नीतीश कुमार के साथ गठबंधन बनाए रखना है। उन्होंने पार्टी के नेताओं को निर्देश दिया था कि आगे से कोई कुछ नहीं बोलेंगे बल्कि सिर्फ तेजस्वी यादव बोलेंगे। पार्टी सुप्रीमो के निर्देश को दरकिनार करते हुए जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह अपनी ही सरकार के मुख्यमंत्री के खिलाफ खुलकर बयान दिया।
कहा जा रहा है कि सुधाकर सिंह सोच समझकर ऐसा बयान दे रहे हैं। पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर वह ऐसा माहौल बना रहे हैं जिससे उन्हें निष्कासित कर दिया जाए। नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी से नाराज होकर तेजस्वी यादव उन्हें पार्टी से निकाल दें। ऐसा होने से सुधाकर सिंह विधायक बने रहेंगे और फिर किसानों के हित के नाम पर खुद को शहीद घोषित कर राजनीति करेंगे।
कुछ लोग यह भी मान रहे हैं कि सुधाकर सिंह राजद से निकाले जाने के बाद बीजेपी वापस चले जाएंगे। श्री सिंह भाजपा के टिकट पर अपने पिता की पार्टी के खिलाफ पूर्व में भी चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि उस चुनाव में उनकी हार हुई थी। ताजा प्रकरण में यह भी कहा जा कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के पीएम बनने पर सवाल उठाकर सुधाकर सिंह ने बीजेपी के एजेंडे का सपोर्ट किया है।
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