बिहार भाजपा के प्रभारी विनोद तावड़े पदभार संभालने के बाद पहली बार तीन दिनों तक पटना में रहेंगे। तावड़े शुक्रवार को पटना आ रहे हैं। वह बिहार भाजपा कोर ग्रुप की बैठक लेंगे। बैठक के बाद तावड़े कोर ग्रुप के सदस्यों से वन-टू-वन बात भी करेंगे और बिहार की राजनीति तथा पार्टी की स्थिति को लेकर फीडबैक लेंगे।
विनोद तावड़े बिहार का प्रभार मिलने के बाद एक दिवसीय दौरे पर केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ पीएम मोदी पर बुक रिलीज करने आए थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं संग औपचारिक बैठक भी की। उनके दौरे को लेकर गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने संगठन महामंत्री भीखूभाई, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी आदि के साथ बैठक की। पूर्व मंत्री मंगल पांडेय, नीतीश मिश्रा व पार्टी पदाधिकारियों के साथ प्रदेश कार्यालय में बैठक कर विचार-विमर्श किया।
मुजफ्फरपुर में क्षेत्रीय बैठक
बिहार प्रभारी शुक्रवार को दोपहर 12 बजे पटना आयेंगे। जानकारी के मुताबिक, शनिवार को तावड़े मुजफ्फरपुर और पटना में पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। वे मुजफ्फरपुर में क्षेत्रीय बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में तिरहुत और सारण प्रमंडल (गोपालगंज छोड़कर) के पार्टी पदाधिकारियों के साथ संगठनात्मक गतिविधियों पर बातचीत करेंगे। रविवार को पटना में पटना और मगध प्रमंडल के पदाधिकारियों संग बैठक करेंगे।
सरकार निकाय चुनाव लटका रही जायसवाल
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने गुरुवार को आरोप लगाया कि राज्य की महागठबंधन सरकार जान-बूझकर नगर निकाय चुनाव लटका रही है। अतिपिछड़ों के आरक्षण मामले में साजिश हो रही है। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद राज्य सरकार न तो उसे लागू कर रही है, न सर्वोच्च न्यायालय में मामला दायर कर रही है और न ही आयोग बना रही है। उन्होंने सरकार को इसके लिए भाजपा की ओर से 30 दिनों का अल्टीमेटम भी दिया।
पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डॉ. जायसवाल ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अतिपिछड़ों के विकास विरोधी और लालू प्रसाद के दबाव में हैं। हम इसकी पोल खोलेंगे और इसके लिए बिहार के सभी जिलों में हमारे कार्यकर्ता 17 अक्टूबर को प्रखण्ड मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करेंगे। घर-घर जाकर लोगों को इसके बारे में बताएंगे। कहा कि सरकार में जब-जब भाजपा रही है अतिपिछड़ों को फायदा मिला है। कर्पूरी ठाकुर जी के अतिपिछड़ों के विकास पर केंद्रित सामाजिक नीति और मण्डल कमीशन लागू होने के सामाजिक-राजनीतिक विरासत पर पहला अधिकार अगर किसी का है तो हमारा है। बिहार में 2006 के बाद से आरक्षण के जो प्रावधान हैं, उनके पक्ष में सहमति बनाने और लागू कराने में हमारी भूमिका निर्विवाद है।
विधान परिषद में विरोधी दल के नेता सम्राट चौधरी ने आरो’प लगाया कि नीतीश सरकार खलनायक बनकर अतिपिछड़ों के सामने आई है। उन्होंने कहा कि जेडीयू पोल खोल की बात करती है तो उनकी पोल खुद ही खुल गई है। बिहार सरकार बताए अतिपिछड़ों का सम्मान क्यों घटा।
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