करवाचौथ पर सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत पूरा करती हैं। करवा चौथ पर गिफ्ट की परंपरा लंबे समय से बनी हुई है। लेकिन समय के साथ-साथ गिफ्ट देने का ट्रेंड बदल रहा है। कोई पति अपनी पत्नी को उपहार में कार दे रहा है तो कोई स्कूटी।
पटना के अलग-अलग चार पहिया और दो पहिया वाहन शोरूम संचालकों के अनुसार महिलाओं के नाम पर सौ के करीब स्कूटी और 30 से अधिक कार की बुकिंग हुई है। देनी टीवीएस के प्रोपराइटर अमरजीत सिंह ने बताया कि हमारे यहां महिलाओं के नाम पर 25 स्कूटी की बुकिंग हुई है। गुरुवार के दिन भी कार और स्कूटी की सेल में इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
गहनों की दुकानों में जमकर भीड़
करवाचौथ को लेकर सोने-चांदी की दुकानों में बुधवार को बंपर भीड़ रही। मंगलसूत्र और गोल्ड चेन की खूब बिक्री हुई है। सोनारों के संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि महिलाओं के सबसे पावन त्यौहार करवाचौथ पर स्वर्ण एवं चांदी के आभूषणों का अच्छा कारोबार हुआ है। गुरुवार को भी बाजार में करवा चौथ का सकारात्मक असर रहेगा।
करवाचौथ गुरुवार को है। व्रत में सुहागिनें निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद के दीदार के बाद ही व्रत तोड़ती हैं। करवाचौथ के दिन मां पार्वती, भगवान शिव, कार्तिकेय एवं गणेश की पूजा होती है। मां पार्वती से सुहागिनें अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। महिलाएं सुबह सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं। इस बार कई वर्षों बाद विशेष संयोग बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा का उदय हो रहा है।
पटना में 7 बजकर 53 मिनट पर दिखेगा चांद
पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि आचार्य माधवानंद जी माधव ने बताया कि करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.30 बजे से चांद निकलने तक है। इस दौरान भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय और गणेश की रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य आदि से पूजा करें। करवाचौथ व्रत की कथा पढ़ें या सुनें। रात में चंद्रमा उदय होते ही अर्घ्य दें। फिर पति को तिलक लगा उनका चेहरा चलनी से देखें। इसके बाद पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलें।
पटना में चन्द्रमा के दिखने का समय 7 बजकर 53 मिनट है। करवाचौथ का व्रत कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चौथी तिथि को मनाया जाता है। सुहागिनों को सुहाग सामग्री चूड़ी, लहठी, बिंदी, सिंदूर आदि कचरा के डिब्बे में नहीं फेंकना चाहिए। इतना ही नहीं अगर चूड़ी पहनते समय टूट भी जाए तो उसे संभालकर पूजा स्थान पर रख दें।
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