जन सुराज पद यात्रा के तीसरे दिन जमुनिया कैंप में स्थानीय लोगों से प्रशांत किशोर ने जन संवाद करते हुए विपक्ष और नीतीश कुमार पर बड़ा ह’मला बोला। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि किसी से आज तक पैसा नहीं लिए हैं। अब ले रहे। बिहार में बदलाव के लिए उनसे फीस ले रहे हैं। जिनके लिए अब तक काम किया है, ताकि यह टेंट लगाया जा सके। मेहनत से, अपनी बुद्धि से 10 साल काम किए हैं। दलाली नहीं किए हैं। नीतीश कुमार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि 2014 में चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने दिल्ली आकर कहा कि हमारी मदद कीजिए। 2015 में हम लोगों ने उनको जिताने में कंधा लगाया।
पीके ने लोगों से कहा कि अभी 10- 15 दिन पहले बुला कर नीतीश जी बोले कि हमारे साथ काम कीजिए। हमने कहा कि ये अब नहीं हो सकता। एक बार जो लोगों को वादा कर दिया है कि 3500 किलोमीटर चलकर, गांव-गांव में जाकर लोगों को जगाने का काम करूंगा। एक बार जन बल खड़ा हो गया,कोई टिकने वाला नहीं है, लिखकर रख लीजिए। भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि दो गुजराती देश चला रहा है। बिहार के मजदूर गुजरात में जाकर मजदूरी कर रहे हैं। हमने सोचा है कि बिहार में ऐसी व्यवस्था करें ताकि यहां के युवकों को दूसरे प्रदेशों में मजदूरी करने नहीं जाना पड़े।
जनसंवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने हाथ के पंखे बनाने वाली महिलाओं से तथा उनके परिवार से मुलाकात की तथा उनकी समस्याओं को ध्यान से सुना। विरोधियों को जवाब देते हुए बताया कि पदयात्रा के लिए कहां से पैसा आ रहा है।
इस संदर्भ में उनका कहना था कि 10 साल मेहनत से तथा अपनी बुद्धि से पैसा कमाया हूं । उसी से पूरे बिहार का भ्रमण कर समाज के अच्छे लोगों को खोज कर निकालने चला हूं। ताकि बिहार में व्यवस्था को बदला जा सके। सत्ता में जब अच्छे लोग आएंगे तभी यहां की शिक्षा, स्वास्थ्य सुधरेगी तथा बेरोजगारी दूर होगी। प्रशांत किशोर ने सर्वप्रथम पदयात्रीयो और स्थानीय लोगों के साथ जमुनिया स्थित पदयात्रा कैंप में सर्वधर्म प्रार्थना सभा में भाग ली। तत्पश्चात उन्होंने थारू समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ जनसुराज की सोच पर चर्चा की।
गौनाहा प्रखंड के वार्ड सदस्यों ने सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने में आने वाली परेशानियों से उन्हें अवगत कराया। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने थरुहट की ऐतिहासिक सुभद्रा मंदिर में पद यात्रियों के साथ शाम में मां के दर्शन किए तथा जनसुराज अभियान की सफलता के लिए माता की मंदिर में माथा टेका व प्रार्थना की। जन सुराज यात्रा के तीसरे दिन प्रशांत किशोर दिन भर लोगों से मिलकर जन संवाद करते रहे ।उनके नजदीकियों ने बताया कि 3,4 व 5 अक्टूबर को उनका रात्रि विश्राम जमुनिया में ही रहा।
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