पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर सरकार के कड़े ऐक्शन के बाद लालू प्रसाद यादव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आरएसएस पर भी बैन लगा देना चाहिए। लालू यादव ने कहा कि पीएफआई और आरएसएस दोनों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी और महंगाई से हालात बद से बदतर हो गए हैं।
देश में हिंदू-मुस्लिम करके क’ट्टरता फैलान की कोशिश की जा रही है। ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकना है। बता दें कि लंबे समय से लालू प्रसाद यादव अस्वस्थ्य थे। हालांकि वह ऐक्टिव पॉलिटिक्स में वापसी कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए पार्टी के चुनाव का नामांकन दाखिल कर दिया है।
कांग्रेस नेता के सुरेश ने भी ऐसा ही बयान दिया था और कहा था कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना काफी नहीं है। आरएसएस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए क्योंकि यह सांप्रदायिकता फैलाता है। इसके बाद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग विधायक एमके मुनीर ने भी यही बात दोहराई। उनका कहना है कि पहले सिमी को भी बैन किया गया था लेकिन इसका कोई फायदा नहीं निकला। ऐसे में केवल बैन लगाना ही सही कदम नहीं है।
भाजपा को ट’क्कर देने के लिए लामबंदी
बिहार में जेडीयू-भाजपा गठबंधन टूटने और आरजेडी से रिश्ता जुड़ने के बाद दोनों ही पार्टियों के नेता भाजपा पर हमलावर रहते हैं। वहीं नीतीश कुमार तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद में लगे हैं। इसमें आरजेडी की बड़ी भूमिका हो सकती है। ऐसे में तेजस्वी यादव समेत आरजेडी के नेता सीधा पीएम मोदी पर हमला करते नजर आते हैं।
बता दें कि एनआईए और ईडी ने पीएफआई पर बड़ी कार्रवाई करते हुए दो चरणों में छा’पा मारा था। पहले राउंड में 16 राज्यों में छापा पड़ा। इसके बाद 106 लोग गिरफ्तार किए गए। दोबारा मंगलवार को एनआईए ने 8 राज्यों में छा’पेमारी की। एजेंसी को कई ऐसी सामग्रियां मिली हैं जो संगठन के आतं’की लिंक की पुष्टि करती हैं। वहीं पिछले कई साल से पीएफआई एजेंसियों के रडार पर था। बुधवार को बड़ा फैसला करते हुए केंद्र सरकार ने पीएफआी और उससे जुड़े आठ संगठनों को बैन कर दिया।
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