नवयुवक संघ दुर्गापूजा समिति मालीघाट भारत माता चौक पर इस बार पूजा पंडाल का स्वरूप बेंगलुरु के शाही द्वार के जैसा होगा। मंडप में मां दुर्गा रथ पर सवार चंडी के रूप में महिषासूर का वध करते नजर आएंगी।
पूजा समिति के मीडिया प्रभारी भोला कुमार सूरी ने बताया कि शाही द्वार के ऊपर 280 फीट की ऊंचाई पर तिरंगा लहराता नजर आएगा। कहा कि यहां पर वर्ष 1962 से दुर्गा पूजा हो रही है। बालेश्वर ठाकुर और बैद्यनाथ गुप्ता ने सर्व प्रथम पूजा की शुरुआत की थी। बैद्यनाथ गुप्ता ने स्वयं अपने हाथों से 15 वर्ष तक प्रतिमा निर्माण किया था। उसके बाद से अबतक हरिसभा चौक के पप्पू पंडित प्रतिमा निर्माण करते आ रहे हैं।
बताया गया कि यहां के पूजा पंडाल को मालीघाट जेल रोड निवासी मनोज कुमार व गोशाला रोड के राजू कुमार बिजली की अत्याधुनिक रोशनी से सजाएंगे। मालीघाट पूजा समारोह में 15 सौ परिवार का आस्था जुड़ा है। वे पूजा में श्रम और धन दोनों से सहयोग करते हैं। यहां पर आसपास के मोहल्ला बीएमपी-6, मालीघाट नाका, चूना भट्टी, पंचमुखी चौक व शहदुल्लापुर के परिवार बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
पूजा समिति के मीडिया प्रभारी ने बताया कि यहां पर चार दिनों तक अलग-अलग प्रसाद का वितरण किया जाता है। सप्तमी को हलवा-पूरी, अष्टमी और नवमी को खीर-पूरी और दशमी को महाप्रसाद खिचड़ी का वितरण होता है। वहीं, चौठारी के दिन मंटू सिंह बाबला का संगीतमय भक्ति जागरण का आयोजन किया गया है।
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