Press "Enter" to skip to content

मुजफ्फरपुर समेत 32 जिलों में आरटीई के करोड़ों रुपये बैंकों में पार्क, अफसरों से जवाब-तलब

एक तरफ प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत बच्चों के नामांकन में हीलाहवाली की जा रही है तो दूसरी तरफ इस योजना मद की करोड़ों की राशि अधिकारियों ने निकासी कर बैंकों में पार्क कर दी है। विभाग ने इसे वित्तीय अनियमितता माना है। साथ ही मुजफ्फरपुर समेत 32 जिलों में करोड़ों की राशि बैंक में पार्क करने पर विभाग ने अधिकारियों से जवाब मांगा है।

MP RTE Admission 2022: आरटीई के तहत दूसरे चरण के लिए चॉइस अपडेट 31 जुलाई  तक, ऑनलाइन लॉटरी होगी 2 अगस्त को - mp rte admission 2022 second round  choice filling till

जिले में आरटीई के तहत चार साल पहले सात करोड़ की राशि दी गई थी। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने मुजफ्फरपुर समेत सभी 32 जिले के जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान से इस मामले में जवाब मांगा है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत वित्तीय वर्ष 17-18 और 18 -19 के लिए स्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालयों के लिए राशि उपलब्ध कराई गई थी।

समीक्षा में मामला सामने आया कि अबतक अधिकांश जिलों में यह राशि संबंधित विद्यालयों को दी ही नहीं गई बल्कि इस राशि की निकासी कर बैंक खाते में पार्क कर रखा गया है। अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि स्पष्ट रूप से यह आदेश था कि राशि की निकासी कर बैंक खाते में पार्क नहीं किया जाएगा।

संबंधित स्कूलों को राशि नहीं देकर बैंक खाते में पार्क रखना वित्तीय अनियमितता है। यह राशि 24 सितंबर तक अनिवार्य रूप से संबंधित विद्यालयों के खाते में भेज दिये जाएं। निर्धारित तिथि तक राशि नहीं भेजे जाने की स्थिति में कारण स्पष्ट करते हुए अगले एक सप्ताह के भीतर राशि सरेंडर करते हुए प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को रिपोर्ट किया जाएगा। ऐसा नहीं करने पर संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान की जिम्मेदारी तय करते हुए विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

Share This Article
More from BIHARMore posts in BIHAR »
More from EDUCATIONMore posts in EDUCATION »
More from MUZAFFARPURMore posts in MUZAFFARPUR »
More from STATEMore posts in STATE »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *