कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन शुरू होने में 9 दिनों का ही वक्त बचा है, लेकिन पार्टी फिलहाल राहुल गांधी की लीडरशिप में चल रही भारत जोड़ो यात्रा में बिजी है। इस बीच चर्चा है कि कांग्रेस हाईकमान ने अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार का चयन कर लिया है और वह होंगे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती।
चर्चाएं इस बात की भी हैं कि अशोक गहलोत के मुकाबले शशि थरूर या फिर जी-23 का कोई अन्य नेता अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकता है। यदि ऐसा होता है तो लंबे समय बाद ऐसा होगा, जब कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की स्थिति होगी। ऐसा कांग्रेस के इतिहास में दो बार ही हुआ है कि बागी होकर नामांकन करने वालों को अध्यक्ष पद के चुनाव में जीत मिली हो।
इतिहास में सिर्फ दो बार बागी नेता बने कांग्रेस के अध्यक्ष
नेताजी सुभाष चंद्र बोस और पुरुषोत्तम दास टंडन ने ही विजय हासिल की थी। हालांकि बोस को महात्मा गांधी और टंडन को नेहरू के विरोध के चलते हटना पड़ गया था। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि हाईकमान को लगता है कि अशोक गहलोत गैर-गांधी चेहरे के तौर पर परफेक्ट होंगे। इसकी वजह यह है कि वह ओबीसी समाज से आते हैं। राजस्थान के तीन बार सीएम रहे हैं और कांग्रेस के भीतर भी उनका बड़ा कद है। सबसे बढ़कर यह कि वह सोनिया, राहुल गांधी और प्रियंका तीनों के ही करीबी नेता माने जाते हैं। ऐसे में उन्हें उतारकर हाईकमान किसी भी तरह का रिस्क नहीं महसूस करेगा।
गहलोत अध्यक्ष बने तो सीएम पद किसे मिलेगा?
चर्चाएं तो यहां तक हैं कि 24 से 30 सितंबर के बीच अशोक गहलोत कभी भी नामांकन कर सकते हैं। ऐसा होता है तो फिर एक और घट’नाक्रम पर सबकी नजर होगी कि उनके बाद राजस्थान के सीएम कौन होगा।
अशोक गहलोत के बाद सचिन पायलट का नाम चर्चा में जरूर रहा है, लेकिन खुद सीएम अपना उत्तराधिकारी ऐसा चुनना चाहते हैं, जो उनका भरोसेमंद हो। ऐसे में अध्यक्ष पद के साथ ही कांग्रेस में राजस्थान के सीएम के लिए भी रार देखने को मिल सकती है। कांग्रेस हाईकमान राजस्थान में बैलेंस बनाने के लिए अशोक गहलोत के बेटे वैभव को नए सीएम के अंडर में मंत्री बना सकता है। इसके अलावा अशोक गहलोत को राज्यसभा भी भविष्य में भेजा जा सकता है।
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