मुजफ्फरपुर जिले में पिछले कई दिनों से जारी बिजली संकट गुरुवार को और गहरा गया। दो दिनों की तुलना में बिजली आवंटन में सबसे अधिक कटौती की गयी। जिले के चारों ग्रिड में 142 मेगावाट बिजली कटौती की गयी। इससे शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में बिजली संकट रहा।
बिजली कटौती का सबसे अधिक असर नया टोला, रामदयालुनगर, माड़ीपुर, चंदवारा, खबड़ा और सिकंदरपुर के इलाके में देखा गया। इन इलाकों में डेढ से दो घंटे तक लगातार बिजली कटी। यह क्रम दिन से लेकर रात नौ बजे तक में कई बार चला। ग्रामीण इलाकों में खासकर कुढ़नी, मड़वन, कांटी, मीनापुर, बोचहां, साहेबगंज में अधिक परेशानी रहे। कुढ़नी में साढ़े तीन घंटे के लिए लगातार बिजली गायब रही।
जिले में सेन्ट्रल डिस्पैच से डिमांड (307 मेगावाट) की आधी बिजली भी आपूर्ति नहीं हुई। इसका बड़ा असर बड़ा असर किसान व छात्रों पर भी पड़ा। ग्रामीण इलाके में दोपहर में बिजली नहीं रहने से खरीफ फसल की सिंचाई नहीं हो पा रही है। मौसम की मार के बाद किसानों को उम्मीद थी कि विभाग की घोषणा पर 16 घंटे बिजली उपलब्ध करायी जायेगी, लेकिन ग्रामीण इलाके में 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है।
बिजली कटौती से छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। पिछले तीन दिनों से शाम छह बजे के बाद से बिजली कटौती शुरू हो जा रही है। ऐसी स्थिति रात करीब 11 बजे तक रहती है। बीच-बीच में बिजली ट्रिप करती रहती है। बच्चों की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाती है। पूरी रात लोग भीषण गर्मी में पंखा झलते बिता रहे हैं।
कुढ़नी प्रखंड के बंगरा बंशीधर गांव निवासी प्रशांत कुमार ने बताया कि पिछले तीन दिनों से शाम छह बजते ही बिजली गुल हो जाती है। तीन घंटे के बाद ही बिजली मिलती है। इसके बाद भी बिजली की आवाजाही लगी रहती है। इधर, विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि केंद्र से ही राज्य की बिजली कटौती की जा रही है, जिससे यह संकट उत्पन्न हो गया है।
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