मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि गया के फल्गू नदी में पितृपक्ष मेला की अवधि के साथ-साथ सालभर यहां तीर्थयात्रियों के लिए जल की उपलब्धता रहेगी। फल्गू नदी में बने रबड़ डैम परियोजना की प्रगति का उन्होंने जायजा लिया और पदाधिकारियों को कई निर्देश दिया। सीता-कुंड का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रबड़ डैम से इस कुंड को जोड़ने के लिए मार्ग का निर्माण कराएं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमाार सोमवार को गया पहुंचे और पितृपक्ष मेला-2022 की तैयारियों की समीक्षा की और मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थानों का जायजा लिया। कहा कि पितृपक्ष मेले में देश के कोने-कोने एवं विदेशों से तीर्थयात्री बड़ी संख्या में अपने पूर्वजों का पिंडदान और तर्पण करने गया की मोक्षभूमि आते हैं। मेले की महत्ता को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधाओं की बेहतर तैयारी रखें। कहा कि मैं इस बात को भूल नहीं सकता हूं कि एक बार मुझे एक महिला श्रद्धालु ने बताया था कि यहां पिंडदानियों को काफी दिक्कत होती है। जब से हमें काम करने का मौका मिला, हमने पिंडदानियों की सुविधा को लेकर कई काम किये। हर वर्ष पितृपक्ष मेले की तैयारी का जायजा लने आते हैं और श्रद्धालुओं की हर प्रकार की सुविधाएं सुनिश्चत की जाती हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि घाट, मंदिर, वेदी, तालाब और पूरे शहर की साफ-सफाई बेहतर रखें। बिजली की निर्बाध आपूर्ति रखें। जो पशु शहर के अंदर विचरण कर रहे हैं, उन्हें गौशाला में रखने की व्यवस्था करें। सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरतें। असामाजिक तत्वों पर विशेष नजर रखें। वृद्ध एवं दिव्यांगजनों के आवागमन की विशेष सुविधा रखें। श्रद्धालुओं के भोजन की शुद्धता का ख्याल रखें।
मुख्यमंत्री ने की पूजा-अर्चना की
मुख्यमंत्री ने सबसे पहले विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। बाद में उन्होंने सीता-कुंड में पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने अक्षय वट का निरीक्षण किया। निर्देश दिया कि यहां पर नियमित तौर पर साफ-सफाई के साथ-साथ सभी प्रकार की सुविधाएं सुनिश्चत करें। ताकि पिंडदानियों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। मुख्यमंत्री ने ब्रह्म सरोवर एवं वैतरणी सरोवर का भी निरीक्षण किया।
भ्रमण के बाद गया समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में पितृमेला-2022 की तैयारी की समीक्षा बैठक की। यह भी कहा कि गया सिर्फ राज्य ही नहीं पूरे देश और दुनिया के लिए ऐताहासिक और पौराणिक स्थल है। गया शहर को सभी लोग गया-जी के नाम से संबोधित करते हैं। गया शहर को विभिन्न शहरों से संपर्कता दी गई है, ताकि लोगों को यहां आवागमन में सहूलियत हो। अधिकारियों से कहा कि मेले से अच्छे अनुभव लेकर लो जाएंगे तो बाहर प्रशंसा करेंगे, इससे राज्य का नाम रौशन होगा और हमसभी को आत्मसंतुष्टि मिलेगी।
अक्तूबर तक पहुंचेगा गया के घरों में गंगा जल
समीक्षा के दौरान नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने कहा कि गया में गंगाजल शुद्ध पेयजल के रूप में हर घर तक अक्टूबर तक पहुंचा दिया जाएगा। समीक्षा के दौरान तीर्थवृत्ति सुधारनी सभा के महामंत्री अमरनाथ धोकरी ने मुख्यमंत्री को गया में गंगाजल पहुंचाने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस अकल्पनीय कार्य को मुख्यमंत्री ने कर दिखाया है। इसके लिए हम सभी गया वासी उनके आभारी हैं।
पितृपक्ष मेला नौ से, 55 पिंड वेदी हैं
समीक्षा बैठक में गया के जिलाधिकारी डॉ. त्याग राजन एसएम ने पितृपक्ष मेला-2022 की विस्तृत जानकारी दी। बताया कि इस वर्ष पितृपक्ष मेले का आयोजन नौ सितंबर से 25 सितंबर तक निर्धारित है। मेले से संबंधित 55 पिंड वेदी हैं। इनमें सभी महत्पूर्ण घाटों पर सभी प्रकार की तैयारियां की गई हैं। यह भी कहा कि फल्गू नदी में निरंतर जलस्तर बनाये रखने के लिए रबड़ डैम का निर्माण कराया गया है। रबड़ डैम के ऊपर स्टील ब्रिज का निर्माण किया गया है, जिससे सीता कुंड एवं देवघाट की दूरी तीन किलोमीटर से घटकर 1.2 किलोमीटर रह गई है। इससे तीर्थ यात्रियों को काफी सहूलियत होगी।
एयरपोर्ट पर लगे नारे
पटना से हेलीकॉप्टर से गया एयरपोर्ट पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गया के डीएम डॉ. त्यागराजन ने स्वागत किया। यहां गार्ड ऑफ ऑर्नर दिया गया। यहां कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री कैसा हो नीतीश कुमार जैसा हो के नारे लगाए।
सात लाख से ज्यादा श्रद्धालु आएंगे
कोरोना संक्रमण को लेकर पिछले दो साल पितृपक्ष मेला का आयोजन नहीं हो सका था। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस साल श्रद्धालुओं की संख्या सात लाख से भी ज्यादा होगी।
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