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मुजफ्फरपुर के डीएम और जेल अधीक्षक को मानवाधिकार आयोग ने दी चेतावनी, जानें पूरा मामला

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के बंदी अखिलेश सहनी की तीन साल पहले हुई मौ’त का रहस्य गहरा गया है। मानवाधिकार आयोग की मांग पर अधिकारी इसकी रिपोर्ट आजतक पेश नहीं कर सके हैं। अधिकारियों ने अपने हलफनामे में कहा है कि मृ’तक का विसरा न’ष्ट हो चुका है। आयोग के समक्ष फाइनल कॉज ऑफ डेथ रिपोर्ट भी पेश करने में प्रशासन असफल रहा है।

मुजफ्फरपुर के डीएम और जेल अधीक्षक हाजिर हों : जेल में कैदी की मौत पर मानवाधिकार आयोग सख्त, दोनों पर क्रिमिनल केस दर्ज कर कार्रवाई की चेतावनी

आयोग ने अब जेल अधीक्षक व डीएम को आखिरी समय जारी करते हुए अगली तिथि को हाजिर होने का आदेश जारी किया है। चेतावनी दी है कि यदि अगली तिथि पर जेल अधीक्षक व डीएम स्वयं उपस्थित रिपोर्ट नहीं सौंपते हैं तो मामले में अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।

दो मार्च 2019 को केंद्रीय कारा भेजे गए बंदी करजा निवासी अखिलेश सहनी (40 वर्ष) की मौत उसी दिन हो गई थी। जांच में मामला उलझता चला गया। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इसपर संज्ञान लेकर जेल अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की। जेल अधीक्षक ने जो रिपोर्ट आयोग को सौंपी वह चौंकाने वाली थी।

जेल अधीक्षक ने रिपोर्ट में बताया कि सामान्य प्रक्रिया के विपरीत अखिलेश का विसरा सुरक्षित नहीं रखा गया है और नष्ट हो चुका है। इसके बाद आयोग ने जेल अधीक्षक से पोस्टमार्टम रिपोर्ट व एफएसएल के आधार पर बनी फाइनल कॉज ऑफ डेथ रिपोर्ट की मांग की। इसके बाद जेल अधीक्षक ने जब एसकेएमसीएच से डेथ रिपोर्ट मांगी तो एसकेएमसीएच ने कहा कि मृतक की हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट न मिलने के कारण फाइनल कॉज ऑफ डेथ रिपोर्ट नहीं बनी है।

जेल अधीक्षक ने रिपोर्ट में बताया कि सामान्य प्रक्रिया के विपरीत अखिलेश का विसरा सुरक्षित नहीं रखा गया है और नष्ट हो चुका है। इसके बाद आयोग ने जेल अधीक्षक से पोस्टमार्टम रिपोर्ट व एफएसएल के आधार पर बनी फाइनल कॉज ऑफ डेथ रिपोर्ट की मांग की। इसके बाद जेल अधीक्षक ने जब एसकेएमसीएच से डेथ रिपोर्ट मांगी तो एसकेएमसीएच ने कहा कि मृतक की हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट न मिलने के कारण फाइनल कॉज ऑफ डेथ रिपोर्ट नहीं बनी है।

जेल अधीक्षक ने कहा

अखिलेश सहनी के मामले में मानवाधिकार आयोग के निर्देश का अध्ययन किया जा रहा है। आयोग के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी। बंदी की मौत से संबंधित सभी रिपोर्ट एकत्रित की जाएगी।

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