बिहार में महागठबंधन की नई सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार सिंह के विवाद पर पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान दिया है।
महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के चीफ मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार न किसी को फंसाते हैं, न किसी को बचाते हैं। एक बार उन्हें भी मुकदमे की वजह से 8 घंटे में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
मिली जानकारी के मुताबिक जीतनराम मांझी ने नीतीश सरकार का बचाव करते हुए कहा कि जिस वक्त कार्तिकेय कुमार उर्फ कार्तिक सिंह मंत्री पद की शपथ ले रहे थे, तब सरकार को उनके खिलाफ जारी अरेस्ट वारंट के बारे में जानकारी नहीं होगी।
मामला अब संज्ञान में आया है तो कानून अपना काम करेगा। मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार न तो किसी को फंसाते हैं और न ही किसी को बचाते हैं। अगर कार्तिकेय सिंह का मामला सही होगा, तो उनपर उचित कार्रवाई की जाएगी।
मांझी ने आगे कहा कि एक उन्हें भी मुकदमे की वजह से आठ घंटे में ही इस्तीफा देना पड़ा था,जबकि उनके खिलाफ कोई वारंट नहीं था। सिर्फ केस दर्ज हुआ था। मंत्री कार्तिकेय सिंह का मामला कैबिनेट और मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में आता है, वे इस पर विचार करेंगे। इस बारे में आरजेडी से बात करेंगे।
मांझी का जंगलराज की बात से इनकार
जीतनराम मांझी ने बिहार में जंगलराज की वापसी के लग रहे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि जब एनडीए के साथ सरकार चला रहे थे तब मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे। इस कारण सीएम नीतीश कुमार को तबादले बंद करने पड़े थे। हमने बिहार की अच्छाई के लिए ही पाला बदला है।
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