केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आरसीपी सिंह ने कहा कि वे जेडीयू को मजबूत करने की दिशा में काम करेंगे। युवाओं को पार्टी से जोड़ेंगे। युवाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार के लिए सक्षम बनाएंगे। आरसीपी सिंह से कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू को और आगे ले जाने का काम करेंगे।
पटना पहुंचे आरसीपी सिंह गुरुवार को एयरपोर्ट पर पत्रकारों के सवालों से गिर गए। उनसे पिछले महीने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आधार पर दल के प्रवक्ता अजय आलोक और अन्य प्रमुख पदाधिकारियों के निष्कासन के बारे में पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि पार्टी में लोगों को शामिल करने या निष्कासित करने में मेरी ज्यादा भूमिका नहीं है। मगर किसी भी संगठन में ‘‘विच हंट’’ नहीं होना चाहिए।
आरसीपी सिंह ने कहा कि उन्होंने खुद अपनी मेहनत और ताकत से पहचान बनाई है। वब एक सीधे-सादे आदमी हैं और हमेशा सीधे चलते हैं। उनकी किसी से कोई नाराजगी नहीं है तथा जेडीयू को मजबूत बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
उन्होंने कहा कि वह आगे चलकर बिहार के नौजवानों के करियर निर्माण के लिए मार्गदर्शन करेंगे। साथ ही युवा कैसे एक सफल उद्यमी बनें इसका भी प्रशिक्षण देंगे। आरसीपी सिंह ने कहा कि उनकी रूचि शुरू से ही अध्ययन में रही है और आगे भी पुस्तकों का अध्ययन करेंगे। इसके अलावा वह जदयू पार्टी को मजबूत करने में अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि वह पार्टी से नये युवाओं को जोड़ेगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी को और आगे तक ले जाएंगे।
बता दें कि पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी सिंह ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए नीतीश कुमार के करीबी रहे। बिहार में नीतीश के सत्ता संभालने के बाद आरसीपी लंबे समय तक उनके प्रधान सचिव रहे थे। इसके बाद वे जेडीयू में शामिल हो गए और फिर राज्यसभा सांसद बने।
इस बीच उन्होंने संगठन महासचिव और राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई। एक साल पहले केंद्रीय मंत्री बनने के बाद उनकी जेडीयू आलाकमान से दूरियां बढ़ती चली गईं। हाल ही में पार्टी ने उनका राज्यसभा टिकट काट दिया और आखिर में उन्हें केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। अभी उनके पास सरकार और पार्टी में कोई पद नहीं है।
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